हरियाणा में कांग्रेस और AAP के गठबंधन पर अड़चनें, सीट बंटवारे पर मतभेद
हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो गई है और यह टूटने की कगार पर है। दोनों दलों के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी, लेकिन अब सूत्रों का कहना है कि कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई है। आम आदमी पार्टी ने हरियाणा में 50 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की है, जबकि कांग्रेस ने केवल 7 सीटों की पेशकश की है। इस स्थिति में, कांग्रेस और भाजपा के कई नाराज नेता आप में शामिल हो सकते हैं, और आम आदमी पार्टी रविवार को अपनी पहली उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है।हाल ही में, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन पर चर्चा तेज हुई थी। कांग्रेस के नेता और सांसद राहुल गांधी की गठबंधन के प्रति सकारात्मक रुचि की खबरें भी आई थीं। हालांकि, विवाद की मुख्य वजह सीटों का बंटवारा है। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी को 7 सीटें देने पर सहमति जताई है, जबकि आप ने 10 सीटों की मांग की है। हरियाणा की विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं, और आम आदमी पार्टी 10 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक विधानसभा सीट चाहती है।
आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पहले कहा था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना का स्वागत करते हैं और दोनों दलों का मुख्य उद्देश्य भाजपा को हराना है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और आप ने हरियाणा में गठबंधन किया था, जिसमें गठबंधन ने 10 सीटों में से 5 पर जीत हासिल की थी।लोकसभा चुनाव के दौरान, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में एक साथ चुनाव लड़ा था, लेकिन बीजेपी ने दिल्ली की सभी सीटों पर विजय प्राप्त की थी। इसके बाद, आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में कांग्रेस से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ा और पंजाब में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। अब, हरियाणा में दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की संभावनाएं धूमिल होती जा रही हैं। दोनों दलों के बीच समझौते की उम्मीदें कम हो गई हैं, और आम आदमी पार्टी ने संकेत दिए हैं कि अगर जल्द ही कोई समझौता नहीं होता है, तो वह अपनी उम्मीदवारों की सूची को जल्द ही सार्वजनिक कर सकती है। इस स्थिति में, राजनीतिक समीकरणों में बड़े बदलाव की संभावना है, खासकर जब कई नाराज कांग्रेस और भाजपा नेता आप में शामिल होने की सोच रहे हैं।
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