भेड़ियों का आतंक: 48 घंटे में दो नए शिकार, प्रशासन की तैयारी क्यों विफल?


भेड़ियों का आतंक: 48 घंटे में दो नए शिकार, प्रशासन की तैयारी क्यों विफल?

भेड़ियों का आतंक: 48 घंटे में दो नए शिकार, प्रशासन की तैयारी क्यों विफल?

उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में भेड़ियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले 48 घंटों में आदमखोर भेड़ियों ने दो और लोगों को शिकार बना लिया है, जिससे क्षेत्र में भय का माहौल व्याप्त है। वन विभाग की टीमें इस समस्या से निपटने के लिए लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन भेड़ियों की चालाकियों ने उन्हें भी चुनौती में डाल दिया है।

वन विभाग की सक्रियता और विशेष कदम

भेड़ियों को पकड़ने के लिए वन विभाग ने पूरे इलाके में पिंजरे और जाल बिछा दिए हैं। अब तक 4 भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, जबकि 2 भेड़ियों को पकड़ने की कोशिशें जारी हैं। वन विभाग के जवान जंगलों की गहन निगरानी कर रहे हैं और प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से कई अतिरिक्त कदम उठाए हैं।भेड़ियों के आतंक से प्रभावित क्षेत्र में प्रशासन ने अब गांववालों के घरों में दरवाजे लगाने का काम शुरू किया है। महसी तहसील के भिट्ठा गांव में प्रशासन ने 21 घरों में दरवाजे लगवाने का काम किया है। यह कदम सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भेड़ियों द्वारा हमला उन घरों पर अधिक होता है जिनमें दरवाजे नहीं होते। घर की महिलाओं का कहना है कि इससे रात में बच्चों की सुरक्षा बढ़ेगी और डर की स्थिति में कमी आएगी।

शूटर्स और ड्रोन की मदद

भेड़ियों की तलाश के लिए विशेष टीमों की भी तैनाती की गई है। प्रशासन ने बहराइच के जंगलों में नौ शूटर्स को तैनात किया है, जिनमें से तीन महासी इलाके के जंगलों में भेड़ियों की खोज में लगे हैं। इन शूटर्स के पास 315 बोर की राइफल्स हैं और उन्हें विशेष रूप से इस संकट से निपटने के लिए बुलाया गया है। वन संरक्षिका रेणु सिंह भी रात को गश्त पर निकल रही हैं ताकि भेड़ियों की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।इसके अलावा, प्रशासन ने ड्रोन का भी इस्तेमाल शुरू कर दिया है जो पूरे इलाके की निगरानी कर रहे हैं। ड्रोन के माध्यम से भेड़ियों की गतिविधियों की जानकारी ली जा रही है ताकि उनकी स्थिति का सटीक आकलन किया जा सके।

भेड़ियों का आतंक और उसका प्रभाव

इस साल मार्च में भेड़ियों ने पहली बार हमला किया था, जिसमें 7 साल के बच्चे को शिकार बनाया गया था। इसके बाद से भेड़ियों के हमलों की संख्या में वृद्धि हुई है। अब तक 10 लोगों को भेड़ियों ने शिकार बनाया है, जिनमें से अधिकांश मासूम बच्चे हैं। इसके अलावा, 30 से अधिक लोग भेड़ियों के हमलों में घायल हो चुके हैं।वन विभाग की जांच से पता चला है कि इलाके में 6 भेड़ियों का एक झुंड सक्रिय है, जो लगातार इंसानों पर हमले कर रहा है। इनमें से 4 भेड़ियों को पकड़ा जा चुका है, जबकि 2 अभी भी पकड़ से बाहर हैं। प्रशासन का कहना है कि वे जल्द ही इन शेष भेड़ियों को भी पकड़ने में सफल होंगे और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।

समाधान की दिशा में प्रयास

भेड़ियों के हमलों को देखते हुए प्रशासन और वन विभाग के प्रयास लगातार जारी हैं। इलाके में लोगों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और उम्मीद है कि जल्द ही स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी। प्रशासन का लक्ष्य है कि भेड़ियों के आतंक को समाप्त कर लोगों को सुरक्षित किया जा सके।

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