बीजेपी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए संकल्प पत्र जारी किया: 25 बड़े वादे
नई दिल्ल, 6 सितंबर 2024 जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शुक्रवार को जम्मू में अपने संकल्प पत्र की घोषणा की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर पार्टी के संकल्प पत्र का विमोचन किया, जिसमें बीजेपी ने केंद्र शासित प्रदेश के लोगों से 25 महत्वपूर्ण वादे किए हैं। इनमें अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 20% कोटा देने, आईटी हब बनाने और जम्मू और कश्मीर दोनों रीजन में मेट्रो सेवा शुरू करने जैसे वादे शामिल हैं।
संकल्प पत्र की मुख्य बातें
अमित शाह ने संकल्प पत्र के विमोचन के दौरान कहा कि जम्मू-कश्मीर का मुद्दा पार्टी के लिए ऐतिहासिक महत्व रखता है। उन्होंने बताया कि भारतीय जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा जम्मू-कश्मीर को भारत के साथ जोड़ने के लिए संघर्ष किया है। शाह ने जोर देकर कहा कि अनुच्छेद-370 अब अतीत की बात है और इसे दोबारा लागू करने की कोई संभावना नहीं है। यह बयान उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के घोषणा पत्र पर की गई टिप्पणी के संदर्भ में दिया।
बीजेपी के संकल्प पत्र में प्रमुख वादे किए गए हैं जिनमें अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरियों में 20% कोटा, जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों में मेट्रो सेवाओं की शुरुआत, और आईटी हब का निर्माण शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार बनने पर बीजेपी एक श्वेत पत्र जारी करने का वादा कर रही है, जिसमें आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों का खुलासा किया जाएगा।
बीजेपी की आलोचनात्मक टिप्पणियां
अमित शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडा पर कांग्रेस के समर्थन को लेकर आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं। उन्होंने कहा कि एनसी का एजेंडा और कांग्रेस का समर्थन जम्मू-कश्मीर की विकास प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं। शाह ने स्पष्ट किया कि अनुच्छेद-370 को लेकर उनके पार्टी के दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं होगा और यह कभी भी पुनर्स्थापित नहीं किया जाएगा।इसके साथ ही, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए सुधारों की भी सराहना की। पिछले 10 वर्षों में 59 कॉलेजों को मान्यता दी गई है, जो कि शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आरक्षण और सामाजिक मुद्दे
शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडा के खिलाफ अपनी बात रखते हुए कहा कि बीजेपी गुज्जर बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अनुच्छेद-370 के तहत आरक्षण का प्रावधान नहीं था, लेकिन इसके हटने के बाद अब आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई है।
J&K is witnessing a new era of peace and development under the Modi government. The region has transformed from a terrorist hotspot into a tourist hotspot, with an increase in educational and economic activities.
— Amit Shah (@AmitShah) September 6, 2024
Leaving for Jammu on my two day visit, where I will launch the…
शांति और विकास की दिशा
गृह मंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि 2014 से 2024 तक का दशक जम्मू-कश्मीर के लिए शांति और विकास का युग रहा है। शाह ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद-370 के हटने के बाद, क्षेत्र में शांति और विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की गई हैं, और इस क्षेत्र को आतंकवाद के केंद्र से पर्यटन के केंद्र में तब्दील किया गया है।
वोटिंग की तारीखें
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव लगभग एक दशक बाद होने जा रहे हैं। केंद्र शासित प्रदेश की 90 सीटों पर तीन चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 18 सितंबर, दूसरे चरण में 25 सितंबर और तीसरे चरण में 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी। वोटों की गिनती 8 अक्टूबर को की जाएगी। इस बार की वोटिंग प्रक्रिया में जनता की सक्रिय भागीदारी की उम्मीद की जा रही है, जो कि क्षेत्र के राजनीतिक भविष्य को आकार देगी।
कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के दृष्टिकोण
बीजेपी नेता निर्मल सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के घोषणापत्र को समर्थन देने के बजाय खुद को 'बी' टीम की तरह प्रस्तुत कर रही है। उनके अनुसार, कांग्रेस का घोषणापत्र अब तक जारी नहीं हुआ है और यह संभव है कि कांग्रेस एनसी के घोषणापत्र पर ही निर्भर रहे।इस प्रकार, जम्मू-कश्मीर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं, और बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र के माध्यम से अपने विकासात्मक एजेंडे को जनता के सामने रखा है। अब देखना यह होगा कि आगामी चुनावों में जनता की प्रतिक्रिया क्या होती है और कौन सी पार्टी इस महत्वपूर्ण चुनावी चुनौती को पार कर पाएगी।
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