हेट स्पीच की राजनीति: राहुल गांधी पर टिप्पणियों का कानूनी पहलू दोषियों के लिए सजा का क्या होगा परिणाम?


हेट स्पीच की राजनीति: राहुल गांधी पर टिप्पणियों का कानूनी पहलू दोषियों के लिए सजा का क्या होगा परिणाम?

हेट स्पीच की राजनीति: राहुल गांधी पर टिप्पणियों का कानूनी पहलू दोषियों के लिए सजा का क्या होगा परिणाम?

हाल ही में भारत में हेट स्पीच के दो बड़े मामले चर्चा में हैं, जो राजनीतिक नेताओं के बीच बढ़ती तकरार को दर्शाते हैं। पहला मामला कांग्रेस नेता राहुल गांधी से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव और AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के बयानों को लेकर है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राहुल गांधी के खिलाफ की गई हेट स्पीच पर चिंता जताई है। खरगे का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों के नेता राहुल गांधी के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह बयान न केवल अस्वीकार्य हैं, बल्कि समाज में नफरत फैलाने का काम भी कर रहे हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर बुधवार को केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू समेत भाजपा और शिवसेना के चार नेताओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।दूसरी ओर, ज्ञानवापी मामले में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और ओवैसी के खिलाफ भी हेट स्पीच के आरोप लगाए गए हैं। इन नेताओं पर हिन्दू समाज के प्रति घृणा फैलाने का आरोप लगाया गया है। हालांकि, वाराणसी की अदालत ने इस मामले में दाखिल की गई याचिका को निरस्त कर दिया है, जिससे विवाद और बढ़ गया है।

हेट स्पीच की परिभाषा और दंड

हेट स्पीच के अंतर्गत वे बयान आते हैं जो किसी धर्म, जाति, निवास स्थान या भाषा के आधार पर नफरत फैलाते हैं। भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी समुदाय या व्यक्ति के खिलाफ घृणा फैलाता है, तो उसे तीन साल की जेल या 5000 रुपये का जुर्माना या दोनों सजा मिल सकती है। इसके अतिरिक्त, अगर यह घृणित बयान किसी पूजा स्थल या धार्मिक कार्यक्रमों के दौरान दिया जाता है, तो सजा तीन से पांच साल तक बढ़ाई जा सकती है।नए कानून के तहत धारा 353 में भी समुदायों के बीच घृणा फैलाने के मामले में दंड का प्रावधान है। अगर कोई झूठा बयान या अफवाह फैलाता है, जिससे एक समुदाय को दूसरे समुदाय के खिलाफ उकसाया जाता है, तो उसे भी तीन साल की जेल या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

राहुल गांधी के खिलाफ आरोप

राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा के कई नेताओं ने तीखे बयान दिए हैं। 11 सितंबर को भाजपा के एक नेता ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी, जबकि केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने उन्हें आतंकवादी कहा। भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी देश से प्यार नहीं करते और उन्होंने विभिन्न समुदायों के बीच भेदभाव करने की कोशिश की है।इस बीच, कांग्रेस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कई राज्यों में भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने भी राहुल गांधी के खिलाफ बयान दिया कि उन्हें विदेशों में भारत की छवि खराब करने के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।

इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि हेट स्पीच का मुद्दा भारत की राजनीति में गंभीरता से उठ रहा है। राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप न केवल लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर कर रहे हैं, बल्कि समाज में नफरत और विभाजन की भावना को भी बढ़ावा दे रहे हैं। ऐसे में, जरूरी है कि सभी पक्ष अपनी जिम्मेदारी समझें और सामंजस्यपूर्ण राजनीति की दिशा में कदम बढ़ाएं।

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