भारत की शांति प्रयासों पर बढ़ती उम्मीदें फिलिस्तीन ने भारत से मध्यस्थता की मांग की
दुनिया भर में शांति प्रयासों के बीच, भारत एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की ओर अग्रसर है। रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांति समाधान के लिए भारत की कोशिशें तेज हो रही हैं, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल का अगले सप्ताह रूस दौरा प्रमुख है। डोभाल रूस में BRICS देशों के समकक्ष अधिकारियों से मुलाकात करेंगे, जहां रूस-यूक्रेन विवाद के समाधान पर चर्चा की संभावना है।
वहीं, फिलिस्तीन ने भी गाजा में जारी हिंसा को समाप्त करने के लिए भारत से मदद की अपील की है। भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने भारत की शांतिपूर्ण छवि और दोनों देशों (इजराइल-फिलिस्तीन) के साथ अच्छे संबंधों की ओर इशारा करते हुए भारत से मध्यस्थ की भूमिका निभाने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि भारत से अपेक्षा की जाती है कि वह युद्धविराम समझौते और फिलिस्तीन की 1967 की सीमाओं के आधार पर एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करे।
#WATCH | Delhi: Palestinian Ambassador to India Adnan Abu Al-Haija says, " We are always looking for a friend like India to play a mediator role. I know that India is a peaceful country so we are calling them to play that role...they (India) are a friend of both (countries). To… pic.twitter.com/YjSLSZxXaY
— ANI (@ANI) September 8, 2024
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अमेरिका, कतर और मिस्र गाजा संघर्ष में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन अब तक वे युद्ध विराम समझौते पर पहुंचने में सफल नहीं हुए हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भारत की शांति प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की है और इसे एक संभावित समाधान के रूप में देखा है।भारत की सक्रियता और दखल से वैश्विक शांति प्रयासों में नई उम्मीदें जगी हैं, और यह देखा जाएगा कि आने वाले दिनों में भारत की पहल किस हद तक प्रभावी साबित होती है।
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