पहलगाम पर हमला, सिंदूर में जवाब मोदी का बदला बना दुश्मनों का काल
पहलगाम आतंकी हमले का बदला भारत ने ले लिया. भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इस ऑपरेशन के तहत भारत की तीनों सेनाओं ने जॉइंट ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान और पाकिस्तान कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकवादी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक किया. पहलगाम हमले का बदला लेने में भले ही 15 दिन लगे हों, लेकिन भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए आतंकियों को मिट्टी में मिलाने और पाकिस्तान को कल्पना से भी बड़ा जख्म दिए हैं?
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने 22 अप्रैल को 26 निर्दोष पर्यटकों को गोली मारकर हत्या कर दी थी. आतंकियों ने जिस समय हमला किया था, उस समय पीएम मोदी सऊदी अरब के दौर पर थे. आतंकियों ने सिर्फ पुरुषों को निशाना बनाया था और महिलाओं को ये कहकर छोड़ दिया था कि जाओ जाकर पीएम मोदी को बता देना…हमले की खबर मिलते ही पीएम मोदी अपना सऊदी दौरा बीच में ही छोड़कर वापस भारत लौट आए थे, उसके बाद से पीएम मोदी ने आतंकियों को मिट्टी में मिलाने के लिए तबड़तोड़ बैठकें शुरू की दी, जिसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर ‘ की पठकथा लिखी गई.
सऊदी से ही ऐक्शन में थे पीएम मोदी
पहलगाम आतंकी हमले से एक दिन पहले ही पीएम मोदी दो दिन के सऊदी यात्रा पर पहुंचे थे, जैसे ही आतंकी घटना की जानकारी मिली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बात की और हमले पर कड़े कदम उठाने के निर्देश दिए. पीएम मोदी ने शाह को घटनास्थल का दौरा करने को भी कहा था. पीएम मोदी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा था कि इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा. उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. उनकी दुष्ट योजना कभी कामयाब नहीं होगी. आतंकवाद के खिलाफ हमारा संकल्प अटल है और यह और भी मजबूत होगा. सऊदी में ही पीएम मोदी ने इस्लामी देशों के सामने पाकिस्तान के आतंकी चेहरे को बेनकाब कर दिया था और साफ कह दिया था कि आतंकियों को बख्शा नहीं जाएगा.
पीएम मोदी की तबड़तोड़ बैठकें
पीएम मोदी ने अपनी सऊदी यात्रा बीच में ही छोड़कर भारत लौट आए थे और तबड़तोड़ बैठकें शुरू कर दी. दिल्ली एयरपोर्ट पर ही पीएम मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर,एनएसए अजित डोभाल और विदेश सचिव के साथ बैठक की. उसी दिन पीएम मोदी ने दिल्ली में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक कर सेना को कार्रवाई के लिए पूरी छूट दी. पहलगाम हमले के परिप्रेक्ष्य में कार्रवाई किए जाने के विकल्पों पर सैन्य नेतृत्व से चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी जवाबी कार्रवाई का तरीका क्या हो, इसके टार्गेट्स कौनसे हों और इसका समय क्या हो, इस प्रकार के ऑपरेशनल निर्णय लेने के लिए सैन्य बलों को खुली छूट है.
पीएम मोदी 26 अप्रैल को दोबारा से CCS बैठक की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख शामिल हुए थे. सीसीएस के साथ अलग-अलग बैठकों का दौर पीएम मोदी का जारी रहा. इस दौरान संघ प्रमुख मोहन भागवत से लेकर रक्षा मंत्री के साथ बैठक की. 2019 के बाद पीएम मोदी की अध्यक्षा में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक हुई, जिसे सुपर कैबिनेट कहा जाता है.
तीनों सेना प्रमुखों के साथ पीएम का मंथन
पीएम मोदी ने 30 अप्रैल को सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी के साथ बैठक किया, जिसमें विदेश मंत्री और एनएसए भी मौजूद थे. इसके बाद तीन मई को नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने पीएम मोदी से मुलाकात की, जो लगभग एक घंटे तक चली. मई को वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने पीएम मोदी से मुलाकात की, जो लगभग 40 मिनट तक चली. पांच मई को एनएसए अजित डोभाल ने पीएम मोदी से मुलाकात की. इसके बाद पीएम मोदी की गृह सचिव गोविंद मोहन से मुलाकात हुई. इसके अलावा रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की थी.
पीएम मोदी ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए फुलप्रूफ प्लान बना लिया था. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से फोन पर बात की और कहा कि रूस आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का पूरा समर्थन करता है और पहलगाम आतंकवादी हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए. रक्षा और गृह सचिव के साथ एनएसए के अलावा पीएम मोदी तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठकें कर पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई की रणनीति तैयार कर ली थी. इसके बाद मंगलवार को देश भर में युद्ध की मॉकड्रिल की गई.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से लिया गया बदला
पहलगाम आतंकी हमले के लिए ऑपरेशन सिंदूर की रूपरेखा बनाई गई. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम पीएम मोदी ने खुद दिया था और उसे अमलीजामा पहनाने की कमान एनएसए अजीत डोभाल ने किया. पीएम मोदी ने ही सेना को आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन का नाम ऑपरेशन सिंदूर रखने का ही सुझाव भेजा था, क्योंकि 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों खासकर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की विधवा पत्नी के सिंदूर से प्रेरित है. मकसद आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करना पहलगाम से विधवा हुई पीड़ितों को न्याय दिलाना था.
ऑपरेशन सिंदूर की की कमान अजीत डोभाल और उनकी विशेष टीम ने संभाली. ऑपरेशन के पहले चरण में पाकिस्तान के भीतर चल रही गतिविधियों के बारे में इंटेलिजेंस इनपुट इकट्ठा की गई. उन सभी ठिकानों की सिलसिलेवार तरीके से पहचान की गई, जहां पर आतंकी अपना नया ठिकाना बनाए हुए थे. इसके बाद, उन सभी लक्ष्यों को चुना गया, जहां पर संभावित तौर पर हमले किए जाने थे. भारतीय इंटेलिजेंस ने इन सभी ठिकानों पर अपनी पैनी निगाह बनी रही. हमले का पुख्ता प्लान तैयार करने के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.
पीएम मोदी से हमले को लेकर गहन मंत्रणा के बाद तय किया गया कि इस हमले में सिर्फ आतंकी ठिकानों को ही निशाना बनाया जाएगा. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद एनएसए अजीत डोभाल ने एक बार फिर अपने कोर टीम के साथ मीटिंग की. इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के नौ ठिकानों पर मिसाइल अटैक कर जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आंतकी हमले का आज बदला ले लिया. देखते ही देखते आतंकियों के नौ ठिकाने नेस्तनाबूद हो गए . ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान की कमर पूरी तरह से टूट गई.
ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी बहुत ही कम लोगों को थी और इसके लिए एक कंट्रोल रूम बनाया गया था. कंट्रोल रूम को पूरी तरह से एनएसए और उनकी टीम ने संभाला हुआ था. पीएम मोदी भी पूरी रात जगकर पाकिस्तान में आतंकियों की बर्बादी देख रहे थे. भारत के मिसाइल परीक्षण, अरब सागर में युद्धाभ्यास और जंगी जहाजों की तैनाती से पहले ही पाकिस्तान की नींद उड़ चुकी थी. पीएम मोदी ने पहले ही सेना को खुली छूट दी है ताकि वह अपने हिसाब से टाइम और टारगेट तय करके जवाबी कार्रवाई कर सके. इस तरह ऑपरेशन सिंदूर को अमलीजामा पहनाकर पहलगाम हमले के बदला भारत ने ले लिया है.
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