पेरिस पैरालंपिक 2024: भारत का सफल अभियान समाप्त, ऐतिहासिक 29 पदक जीतकर देश ने छोड़ी छाप


पेरिस पैरालंपिक 2024: भारत का सफल अभियान समाप्त, ऐतिहासिक 29 पदक जीतकर देश ने छोड़ी छाप

पेरिस पैरालंपिक 2024: भारत का सफल अभियान समाप्त, ऐतिहासिक 29 पदक जीतकर देश ने छोड़ी छाप

पेरिस में 8 सितंबर 2024 को समाप्त हुए पैरालंपिक गेम्स में भारत ने अपनी सबसे सफल भागीदारी का रिकॉर्ड बनाया। हालांकि, आखिरी दिन केवल एक इवेंट में भारत की ओर से दावेदारी थी, जिसमें मेडल जीतने में असफल रहे, लेकिन समग्र परिणाम अत्यंत प्रभावशाली रहा। पेरिस पैरालंपिक में भारत ने कुल 29 पदक जीते, जिसमें 7 गोल्ड, 9 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज शामिल हैं। यह किसी भी पैरालंपिक खेल में भारत का सबसे अच्छा प्रदर्शन है।

अंतिम दिन का इवेंट: पूजा ओझा की चुनौती

पेरिस पैरालंपिक के अंतिम दिन भारत की ओर से केवल एक इवेंट में दावेदारी थी। महिलाओं की 200 मीटर KL1 कैटेगरी कैनो स्प्रिंट में पूजा ओझा ने अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया। हालांकि, इस इवेंट में पांच प्रतिभागियों के बीच पूजा चौथे स्थान पर रहीं। उन्होंने 1:27.23 मिनट में अपनी रेस पूरी की, जबकि ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली इटली की एथलीट ने 1:04.03 मिनट में रेस समाप्त की। गोल्ड मेडल कनाडा की एथलीट ने 57.00 सेकेंड में और सिल्वर चीन की एथलीट ने 57.26 सेकेंड में हासिल किया।

भारत की रिकॉर्डतोड़ मेडल टैली

पेरिस पैरालंपिक में भारत की 29 पदकों की फाइनल टैली अब तक के सबसे सफल पैरालंपिक अभियान की गवाह है। पिछले टोक्यो पैरालंपिक में भारत ने 19 पदक जीते थे। इस बार भारत ने 25 पदक का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे न केवल पूरा किया बल्कि 10 पदक अधिक जीतकर नया रिकॉर्ड भी स्थापित किया। गोल्ड मेडल की संख्या में भी वृद्धि देखी गई। जहां टोक्यो में भारत ने 5 गोल्ड मेडल जीते थे, वहीं इस बार 7 गोल्ड मेडल जीते गए। सिल्वर मेडल की संख्या 8 से बढ़कर 9 हो गई, और ब्रॉन्ज मेडल की संख्या 5 से बढ़कर 13 हो गई।

खिलाड़ियों की ऐतिहासिक उपलब्धियाँ

इस बार भारत के लिए कुछ खिलाड़ियों ने इतिहास रचा। महिलाओं की स्टैंडिंग राइफल शूटिंग में अवनी लेखरा ने दो बार गोल्ड जीतकर लगातार सफलता का परचम लहराया। जैवलिन थ्रो स्टार सुमित अंतिल ने न केवल गोल्ड मेडल जीते बल्कि एक नया पैरालंपिक रिकॉर्ड भी स्थापित किया। आर्चरी में हरविंदर सिंह ने भारत का पहला गोल्ड मेडल जीता, वहीं क्लब थ्रो में धरमबीर ने भारत को पहला गोल्ड दिलाया। जैवलिन थ्रो की दूसरी कैटेगरी में नवदीप सिंह ने भी गोल्ड जीते।पैरा बैडमिंटन में नितेश कुमार ने गोल्ड मेडल जीता, और हाई जंप में प्रवीण कुमार ने भी गोल्ड मेडल जीते। 17 वर्षीय आर्चर शीतल देवी ने बिना हाथों के निशानेबाजी करके दुनिया को चौंका दिया और मिक्स्ड टीम में राकेश कुमार के साथ मिलकर ब्रॉन्ज मेडल भी जीते।

एथलेटिक्स में शानदार प्रदर्शन

एथलेटिक्स में भारत ने 17 मेडल जीते, जो पिछले गेम्स में सभी खेलों में आए 19 पदकों से केवल 2 कम है। कपिल परमार ने जूडो में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रचा और इस खेल में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। स्प्रिंटर प्रीति पाल ने 100 मीटर और 200 मीटर रेस में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर दोहरे इतिहास का हिस्सा बनीं।

भारतीय पैरालंपिक खेलों का भविष्य

पेरिस पैरालंपिक में भारत का प्रदर्शन न केवल प्रेरणादायक था बल्कि यह एक महत्वपूर्ण संकेत भी है कि भारत की पैरा-एथलीट्स लगातार उत्कृष्टता की ओर बढ़ रहे हैं। अब तक के सबसे सफल पैरालंपिक खेलों के साथ, भारत ने साबित कर दिया है कि उनकी मेहनत और लगन का फल मीठा होता है। इस सफलता से आने वाले वर्षों में भारतीय पैरालंपिक खेलों की स्थिति और भी मजबूत होगी, और इससे अगले पैरालंपिक गेम्स के लिए उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं।कुल मिलाकर, पेरिस पैरालंपिक 2024 ने भारतीय खेल प्रेमियों को गर्व और प्रेरणा प्रदान की है, और इस सफल अभियान के बाद भारतीय पैरा-एथलीट्स की उपलब्धियों को भुलाया नहीं जा सकेगा।

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