संपत्ति में दिक्कत से बचें: महिलाओं के लिए जरूरी है यह सर्टिफिकेट


संपत्ति में दिक्कत से बचें: महिलाओं के लिए जरूरी है यह सर्टिफिकेट


संपत्ति में दिक्कत से बचें: महिलाओं के लिए जरूरी है यह सर्टिफिकेट

जमीन-जायदाद जीवन में बार-बार नहीं बनती और इसे बनाने में लोगों की जीवनभर की कमाई खप जाती है. ऐसे में महिलाओं के पास अगर ये एक सर्टिफिकेट नहीं होगा, तो उनके हाथ से संपत्ति का अधिकार जा सकता है. इसके अलावा बैंकिंग से लेकर जीवन के अन्य पहलुओं तक कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इसलिए शादीशुदा महिलाओं को तो ये सर्टिफिकेट जरूर बनवा लेना चाहिए.यहां बात हो रही है मैरिज सर्टिफिकेट की. भले आपकी शादी किसी भी धर्म के रीति-रिवाज से हुई हो. आपको अपनी मैरिज रजिस्टर जरूर कराना चाहिए. मैरिज सर्टिफिकेट जहां आपकी प्रॉपर्टी से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है, वहीं आपको कई और फायदे भी पहु्ंचाता है.

प्रॉपर्टी राइट्स को सुरक्षित करता है मैरिज सर्टिफिकेट

अगर आप शादीशुदा महिला हैं और आपके पास अब तक मैरेज सर्टिफिकेट नहीं है. तब आपको जल्द से जल्द इसे बनवा लेना चाहिए. अगर आपके पास ये सर्टिफिकेट नहीं है, तो पति की मौत के बाद संपत्ति का हक मांगने में आपको समस्या हो सकती है. कई बार ससुराल वाले शादी का सर्टिफिकेट न होने का फायदा उठा सकते हैं. वह शादी को अवैध बताकर महिला से उसके हक की संपत्ति से उसे बाहर भी कर सकते हैं.

भारत में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है. लेकिन मैरिज सर्टिफिकेट विवाह को स्थायी कानूनी मान्यता देता है. आजकल ज्यादातर नए शादीशुदा जोड़े शादी का प्रमाणपत्र बनवा रहे हैं. जबकि देश की एक बड़ी महिला आबादी को इसके फायदे और अन्य प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी नहीं है. शादी का प्रमाणपत्र उन महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है, जो शादी के बाद अपना सरनेम नहीं बदलती हैं.हिंदू मैरेज एक्ट- 1955 की धारा-8 के मुताबिक हिंदू शादी का रजिस्ट्रेशन हो सकता है. हालांकि हर राज्य में यह जरूरी नहीं है और धारा-8 के मुताबिक बिना रजिस्ट्रेशन के भी शादी वैध मानी जाती है, क्योंकि हिंदू शादी की वैधता उनके रस्मों और रिवाज़ों से होती है. इसमें सात फेरे लेना, मंगलसूत्र पहनना इत्यादि शामिल है.

मैरिज सर्टिफिकेट नहीं होने के अन्य नुकसान

ईटी की खबर के मुताबिक अगर आपके पास मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं है, तो आपकी शादी की वैधता पर असर नहीं पड़ता, लेकिन इससे कई नुकसान हो सकते हैं. जैसे घरेलू हिंसा, अत्याचार या वैवाहिक बलात्कार इत्यादि के मामले में केस दर्ज कराने को लेकर मुश्किल पेश आ सकती है. वहीं पासपोर्ट बनवाने, विदेश में बसने और यात्रा करने के दौरान भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

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