अमेरिका में टिकटॉक बैन चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिश और भारत की रणनीति का अनुसरण

अमेरिका में टिकटॉक बैन चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिश और भारत की रणनीति का अनुसरण


अमेरिका में टिकटॉक बैन चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिश और भारत की रणनीति का अनुसरण

भारत में टिकटॉक के बैन होने के बाद से इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में बदलाव का नया दौर शुरू हुआ है। 2020 में सरकार ने सुरक्षा कारणों से टिकटॉक और अन्य 58 एप्स को बैन कर दिया, जिसके बाद लाखों युवा क्रिएटर्स अचानक बेरोजगार हो गए। लेकिन यह स्थिति लंबे समय तक नहीं टिकी।इंस्टाग्राम, फेसबुक और अन्य प्लेटफॉर्म्स ने टिकटॉक के यूजर्स के लिए नए अवसरों के दरवाजे खोले। विशेष रूप से इंस्टाग्राम रील्स ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की। आज, कई युवा क्रिएटर्स इंस्टाग्राम पर मजेदार वीडियो और आकर्षक कंटेंट बनाकर अपनी पहचान बना रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म इन्फ्लुएंसर्स के लिए ब्रांड्स के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है।

हाल ही में, कई युवा क्रिएटर्स ने नए तरीके अपनाए हैं, जैसे कि व्लॉगिंग, शॉर्ट-फिल्म्स, और लिव स्ट्रीमिंग, जो उन्हें अधिक दर्शकों तक पहुँचने में मदद कर रहे हैं। इसके अलावा, नए ऐप्स जैसे कि कू और म्यूजिकल.ली भी तेजी से उभर रहे हैं, जिससे क्रिएटर्स को विविधता और प्लेटफॉर्म्स की चुनौतियों का सामना करने का अवसर मिलता है।एक्सपर्ट्स का मानना है कि भले ही टिकटॉक का बैन एक झटका था, लेकिन इसने भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग को और भी अधिक प्रगति करने का अवसर दिया। ब्रांड्स अब नए और प्रभावशाली कंटेंट के लिए युवा क्रिएटर्स की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे नई संभावनाएँ पैदा हो रही हैं।इस प्रकार, भारत में इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग की दुनिया तेजी से बदल रही है, और नए प्लेटफॉर्म्स पर क्रिएटर्स अपनी कला को नए रूप में प्रदर्शित कर रहे हैं। 

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