बीजेपी के सदस्यता अभियान का सबसे टफ टास्क: यूपी, बिहार, या राजस्थान?

 

बीजेपी के सदस्यता अभियान का सबसे टफ टास्क: यूपी, बिहार, या राजस्थान?


बीजेपी के सदस्यता अभियान का सबसे टफ टास्क: यूपी, बिहार, या राजस्थान?

भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीसरी बार पूर्ण बहुमत से सत्ता में आने के बावजूद कुछ राज्यों में भारी सदस्यता अभियान पर ध्यान केंद्रित किया है। पार्टी ने अब 10 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए विनोद तावड़े को जिम्मेदारी दी गई है। चुनाव के तुरंत बाद इस अभियान की शुरुआत करने की दो प्रमुख वजहें बताई जा रही हैं। पहली वजह यह है कि पार्टी चाहती है कि संगठन फिर से सक्रिय हो और हालिया चुनाव के बाद जो मुद्दे उभरे हैं, उन्हें ठीक किया जा सके। दूसरी वजह नए वोटर्स की बढ़ती संख्या है; चुनाव आयोग के अनुसार भारत में पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं की संख्या लगभग 2 करोड़ है।

उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने 2 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है, और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अभियान की अगुवाई कर रहे हैं। यूपी में पार्टी ने सांसदों और विधायकों को नए सदस्य बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। सांसदों को 20 हजार और विधायकों को 10 हजार नए सदस्य बनाने का टारगेट दिया गया है। इसके अलावा, महापौर, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष और निगम पार्षदों को भी सदस्य बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यूपी में बीजेपी की 251 विधायक, 79 विधानपरिषद सदस्य, 33 लोकसभा सांसद और 24 राज्यसभा सांसद हैं, और पार्टी की योजना है कि कम से कम 40 लाख नए सदस्य बनाए जाएं।

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 1.5 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि जो नेता इस अभियान में सफल होंगे, उन्हें सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जाएंगी। मध्य प्रदेश की कुल आबादी 8 करोड़ है, और राज्य में लगभग 4.5 करोड़ मतदाता हैं। 2015 में बीजेपी के पास मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में करीब 1 करोड़ 12 लाख सदस्य थे, जिनमें से लगभग 70-80 लाख सदस्य मध्य प्रदेश से थे।

राजस्थान में बीजेपी ने 1 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी ने एक विशेष कमेटी बनाई है, जिसमें पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी को प्रदेश संयोजक बनाया गया है। राज्य की कुल आबादी 8 करोड़ है, और यहां के मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 32 लाख है। 2015 में राजस्थान में बीजेपी के पास 77 लाख कार्यकर्ता थे।

बिहार में बीजेपी ने 1 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया है, जहां पार्टी गठबंधन की सरकार में है। सांसद अतुल गर्ग को बिहार में सदस्यता अभियान का प्रभारी बनाया गया है। बिहार की जनसंख्या करीब 12 करोड़ है, और यहां 3.6 करोड़ मतदाता हैं। 2015 के आंकड़ों के अनुसार, बिहार और झारखंड में बीजेपी के करीब 93 लाख सदस्य थे, और झारखंड में बीजेपी के करीब 20-25 लाख सदस्य हैं।

गुजरात में बीजेपी ने 2 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है, जहां पार्टी का शासन पिछले 30 वर्षों से कायम है। गृह मंत्री अमित शाह इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं। 2015 के आंकड़ों के मुताबिक, गुजरात में बीजेपी के 1 करोड़ 13 लाख सदस्य थे, और राज्य की आबादी करीब 7.2 करोड़ है। अगर बीजेपी इस अभियान में सफल होती है, तो राज्य के आधे से ज्यादा वोटर पार्टी के सदस्य बन जाएंगे, जो एक रिकॉर्ड होगा।

बीजेपी की सदस्यता नीति के अनुसार, 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक पार्टी की सदस्यता ले सकता है, बशर्ते कि वह किसी अन्य पार्टी का सदस्य न हो और सदस्यता शुल्क जमा करने के लिए सहमत हो। पार्टी में दो प्रकार के सदस्य होते हैं: सक्रिय सदस्य और सामान्य सदस्य। सक्रिय सदस्य बनने के लिए 3 साल की सदस्यता अनिवार्य होती है।

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