INS Arighat: भारत की नई परमाणु पनडुब्बी ‘बीजिंग किलर’ मिसाइल और उन्नत टॉरपीडो के साथ समुद्री ताकत में इजाफा

 Indkan Nuclear Submarine

INS Arighat: भारत की नई परमाणु पनडुब्बी ‘बीजिंग किलर’ मिसाइल और उन्नत टॉरपीडो के साथ समुद्री ताकत में इजाफा

भारत की दूसरी परमाणु पनडुब्बी INS Arighat समुद्री क्षेत्र में भारत की ताकत को नया आयाम देने वाली है। हिंद महासागर में तैनात की जाने वाली इस पनडुब्बी से भारतीय नौसेना की ताकत में निश्चित ही वृद्धि होगी, और इसके साथ ही देश की परमाणु क्षमता में भी महत्वपूर्ण इजाफा होगा। INS Arighat, जो कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस है, अपने साथ बीजिंग किलर मिसाइल ले जाएगी, जो समुद्र, हवा, और जमीन से परमाणु हमले की क्षमता को और मजबूत करेगी। यह पनडुब्बी चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के लिए एक स्पष्ट संदेश भेजेगी कि भारत की समुद्री शक्ति अब पहले से कहीं अधिक प्रभावशाली है। इसके परिणामस्वरूप, इन देशों के लिए भारत की समुद्री शक्ति से निपटना और भी कठिन हो जाएगा।

INS Arighat को भारतीय नौसेना में एसएसबीएन श्रेणी में रखा गया है, जिसका मतलब है कि यह एक शिप सबमरीन बैलेस्टिक न्यूक्लियर पनडुब्बी है। यह भारत के स्ट्रैटेजिक फोर्सेस कमांड का हिस्सा होगी और पूरी तरह से परमाणु ऊर्जा से संचालित होगी। इससे पहले भारत के पास केवल एक परमाणु पनडुब्बी INS Arihant थी, जो 2016 में नौसेना में शामिल की गई थी। INS Arighat इस पनडुब्बी का उन्नत वर्जन है और इसकी तकनीकी क्षमताएं कहीं अधिक उन्नत हैं।भारतीय नौसेना के बेड़े में जहाज और पनडुब्बियों का एक विशाल वर्ग है, जिसमें वाहक, विध्वंसक, फ्रिगेट, पनडुब्बी और गश्ती जहाज शामिल हैं। इन सभी जहाजों के नाम के आगे INS लगाया जाता है, जिसका मतलब है इंडियन नंबरिंग सिस्टम। यह कोड भारतीय नौसेना का पहचान चिह्न है और इसके आगे एक विशेष नंबर और नाम होता है। INS Arighat नाम का अर्थ संस्कृत में 'शत्रु का नाश करने' से है, जो इसकी शक्तियों और क्षमताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

INS Arighat की तैनाती से भारत की समुद्री ताकत में बड़ी बढ़ोतरी होगी, खासकर हिंद महासागर में। इसमें चार लॉन्च ट्यूब हैं, जो इसे चार 'बीजिंग किलर' K-4 SLBM परमाणु मिसाइलें ले जाने की क्षमता देती हैं, जिनकी रेंज 3500 किलोमीटर से अधिक है। इसके अलावा, इसमें बारह K-15 मिसाइलें भी शामिल होंगी, जिनकी रेंज लगभग 750 किलोमीटर है। इन मिसाइलों के अलावा, INS Arighat में टॉरपीडो भी शामिल होंगे, जो दुश्मन की पनडुब्बियों को नष्ट करने की शक्ति रखते हैं।K-4 SLBM और K-15 मिसाइलों की खासियत यह है कि ये परमाणु हमलों के लिए डिजाइन की गई हैं। K-4 मिसाइल की रेंज 3500 से 4000 किलोमीटर तक है और इसे भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है। इसे बीजिंग किलर के नाम से भी जाना जाता है। इसी तरह, K-15 मिसाइल की रेंज 750 से 1000 किलोमीटर तक है और इसे भी DRDO ने ही विकसित किया है। ये मिसाइलें उच्च स्तर की सटीकता और शक्ति के साथ दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना सकती हैं।

INS Arighat छह टॉरपीडो से लैस होगी, जो पानी के अंदर अन्य पनडुब्बियों और जहाजों को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इन टॉरपीडो की रेंज लगभग 40 किलोमीटर है और ये 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से टारगेट तक पहुंच सकते हैं। इनका इस्तेमाल समुद्री बारूदी सुरंग बिछाने के लिए भी किया जा सकता है, जिससे दुश्मन के जहाज और पनडुब्बियां जाल में फंसकर नष्ट हो सकती हैं।INS Arighat की सबसे खास बात यह है कि यह परमाणु ईंधन से चलती है, जिससे इसे लंबे समय तक पानी के अंदर रहने की क्षमता मिलती है। इसके हल्के दबाव वाले परमाणु रिएक्टर इसे महीनों तक पानी के अंदर बनाए रख सकते हैं। इसके विपरीत, डीजल और इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों को बैटरी चार्ज करने के लिए सतह पर आना पड़ता है, जिससे उन्हें हर दो दिन में सतह पर आना पड़ता है।

INS Arighat पानी के अंदर 1000 से 1400 फीट की गहराई तक जा सकती है। इसका वजन लगभग 6000 टन है और इसकी लंबाई 113 मीटर, बीम 11 मीटर और ड्राफ्ट 9.5 मीटर है। इसे विशाखापत्तनम स्थित शिप बिल्डिंग सेंटर में निर्मित किया गया है। पानी की सतह पर यह 12 से 14 नॉट्स (22 से 30 किमी प्रति घंटा) की गति से चल सकती है और पानी के अंदर इसकी गति दोगुनी है, यानी लगभग 44 किमी प्रति घंटा। INS Arighat के साथ, भारत दुनिया का छठा देश बन जाएगा जिसके पास परमाणु पनडुब्बी है। इससे पहले इस श्रेणी की पनडुब्बी केवल पांच देशों के पास थी: फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, रूस, और अमेरिका। भारत की इस उन्नत पनडुब्बी के साथ परमाणु सबमरीन की सूची में शामिल होना एक महत्वपूर्ण सैन्य उपलब्धि है।

परमाणु पनडुब्बियों की अहमियत इसलिए होती है क्योंकि ये किसी भी देश को समुद्र से परमाणु मिसाइलें दागने की ताकत देती हैं। भारत का नो फर्स्ट यूज (NFU) परमाणु सिद्धांत इसे और भी खास बनाता है। इस सिद्धांत के तहत, अगर कोई देश भारत पर परमाणु हमला करता है, तो भारत का यह परमाणु पनडुब्बी से जवाबी हमला करना संभव होगा, और दुश्मन के लिए भारतीय पनडुब्बी का पता लगाना अत्यंत कठिन होगा।इस तरह, INS Arighat भारत की समुद्री शक्ति को नए ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सक्षम साबित होगी और यह सुनिश्चित करेगी कि देश अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत कर सके।

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