डिग्री विवाद: विभाग ने शुरू की रिकॉर्ड जांच, तीन महिला शिक्षकों की जांच तेज
डूंगरपुर. वागड़ के बांसवाड़ा जिले में डमी अभ्यर्थियों का मामला सामने आने के बाद अब इसकी आंच डूंगरपुर जिले में भी उठने लगी है। एक माह पहले फर्जी दस्तावेजों से शारीरिक शिक्षक के पद पर सरकारी नौकरी पाने का डूंगरपुर कोतवाली थाने में प्रकरण दर्ज होने के बाद अब जांच का घेरा बढ़ता जा रहा है। बांसवाड़ा पुलिस तक गोपनीय तरीके से पहुंची एक शिकायत के बाद तीन अन्य अभ्यर्थियों की भर्ती से जुड़ी कुंडली खंगाली जा रही है। प्रारंभिक तौर पर बांसवाड़ा पुलिस ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक व माध्यमिक से तीन शारीरिक शिक्षकों का रिकॉर्ड तलब किया है। दस्तावेजों की जांच के बाद पूरे मामले में स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
पहले बांसवाड़ा, अब डूंगरपुर की बारी
सूत्रों के अनुसार बांसवाड़ा पुलिस तक पहुंची गोपनीय शिकायत में तीन महिला शारीरिक शिक्षकों के मूल दस्तावेज मांगे गए हैं। इन तीनों शारीरिक शिक्षकों की प्रथम नियुक्ति बांसवाड़ा में हुई, जिसके बाद इनका स्थानांतरण डूंगरपुर होने पर वे अलग-अलग विद्यालयों में सेवाएं दे रहे है। पुलिस मूल दस्तावेजों की जांच के बाद पूरे प्रकरण की वास्तविकता तक पहुंचेगी। उल्लेखनीय है कि राजकीय सेवाओं में नियुक्ति से पूर्व दस्तावेजों का सत्यापन नियुक्ति देने वाले विभाग के माध्यम से होता है। यदि इनके दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा सामने आता है तो विभागीय भूमिका पर भी सवाल खड़े होंगे, लेकिन फिलहाल यह पूरा मामला जांच के दायरे में हैं।
बाहरी राज्यों की डिग्रियों से उपजे सवाल
बांसवाड़ा जिले में एक के बाद एक फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं। डिग्रियों के फर्जीवाड़े में अधिकांश प्रदेश के बाहर की है। डूंगरपुर जिले में एक माह पहले सात शारीरिक शिक्षकों के खिलाफ भी फर्जी डिग्री से नियुक्ति का मामला दर्ज हो चुका है, इनकी पुलिस स्तर से जांच में डिग्रियां उत्तर प्रदेश सहित अन्य बाहरी राज्यों के विश्वविद्यालय की सामने आई है। संबंधित विश्वविद्यालयों में इन अभ्यर्थियों के दस्तावेज, रोल नंबर सहित अन्य जानकारियां नहीं मिलने पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर विस्तृत जांच शुरू की है। इधर, इस मामले में शिक्षा विभागीय जांच दल के वरिष्ठ कार्मिक की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।
अब विभाग भी खंगाल रहा रिकॉर्ड
एक के बाद एक शारीरिक शिक्षकों की शिकायतें सामने आने के बाद जिले में भी हड़कंप मचा हुआ है। वहीं शिक्षा विभाग की भी नींद उड़ी हुई है। इन कार्मिकों के नियुक्ति वर्ष में कार्यरत अधिकारियों, दस्तावेज सत्यापन के जांच दल में शामिल कार्मिक एवं जिन शारीरिक शिक्षकों को नियुक्ति दी गई है, उनके दस्तावेज, नियुक्ति वर्ष, डिग्री सहित अन्य रिकॉर्ड शिक्षा विभाग खंगाल रहा है। रिपोर्ट समेकित कर जल्द ही पुलिस विभाग को भेजी जाएगी।
डूंगरपुर से रिकॉर्ड मांगा है...
हां, यह सही है कि डूंगरपुर जिले से कुछ लोगों से जुड़ा हुआ रिकॉर्ड तलब किया है। अभी रिकार्ड मिला नहीं है, जैसे ही मिलेगा जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। फिलहाल तो इंतजार है। जैसे-जैसे जांच पूरी होगी। इसके बाद ही स्थितियां साफ होगी कि पूरे प्रकरण में किन-किन का हाथ है। - विनय चौधरी, डीएसपी, बागीदौरा
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