पेजर धमाके: हिजबुल्लाह को झटका, इजराइल पर आरोप, चर्चा में पेजर की भूमिका!
Pager Device: लेबनान और सीरिया में सिलसिलेवार पेजर धमाकों ने हिजबुल्लाह को गंभीर झटका दिया है। इन हमलों में कम से कम 12 लोग मारे गए और 3,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। सीरिया में भी 7 लोगों की जान गई है। हिजबुल्लाह ने इन धमाकों के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है। पेजर ब्लास्ट के बाद, इस डिवाइस की चर्चा तेजी से बढ़ी है। भारत में शायद कई लोग पेजर से परिचित नहीं हैं, लेकिन लेबनान में हिजबुल्लाह इसका व्यापक उपयोग करता है। पेजर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है, जिसका इस्तेमाल शॉर्ट मैसेज भेजने और प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह जानना भी दिलचस्प है कि पेजर की उत्पत्ति कैसे हुई और समय के साथ इसका चलन क्यों कम हुआ।
पेजर का इतिहास
पेजर ब्लास्ट के पीछे हिजबुल्लाह ने इजराइल का हाथ बताया है. इजराइल एक यहूदी देश है, और पेजर जैसे डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले सबसे शुरुआती यूजर्स पुलिस और यहूदी हैं. 1921 में पेजर जैसा डिवाइस बना और अमेरिका की डेट्रॉइट पुलिस ने सबसे पहले इसका इस्तेमाल किया.उन्होंने पुलिस कार में एक रेडियो एक्विप्ड डिवाइस फिट किया था. अक्सर, गश्त के दौरान और अपराधियों की धरपकड़ के लिए डेट्रॉइट पुलिस इस एक-तरफा कम्युनिकेशन डिवाइस का इस्तेमाल करती थी.
पहला टेलीफोन पेजर
जिस पेजर को हम जानते हैं, उसका आविष्कार 1949 में इरविंग ‘अल’ ग्रॉस ने किया था. ग्रॉस एक यहूदी इंजीनियर थे, और उनका जन्म 22 फरवरी 1918 को कनाडा के टोरंटो में हुआ था. ग्रॉस ने जो पेजर बनाया उसे टेलीफोन पेजर कहा जाता है. 1950 में अमेरिका के न्यूयार्क स्थित सिटी जुइश हॉस्पिटल (एक यहूदी अस्पताल) ने सबसे पहले इस पेजर का इस्तेमाल करना शुरू किया.हालांकि, उस समय भी इस डिवाइस को पेजर नहीं कहा जाता था. क्रिटिकल कम्युनिकेशन और तुरंत अलर्ट भेजने की क्षमता ने इस डिवाइस को पहचान दिलाई. ग्रॉस ने टेलीफोन पेजर के अलावा वॉकी-टॉकी और सीबी रेडियो जैसे डिवाइस के भी पेंटेंट कराए थे, जो 1970 में खत्म हो गए.
मोटोराला ने चमकाया ‘पेजर’
1959 में मोटोरोला ने सबसे पहले ‘पेजर’ शब्द का इस्तेमाल शुरू किया. यही वो कंपनी है जिसने पेजर को दुनिया भर में पहचान दिलाई और पेजर की सबसे बड़ी कंपनी बनी. 1960 में जॉन फ्रांसिस मिशेल ने मोटोरोला के वॉकी-टॉकी और ऑटोमोबाइल रेडियो टेक्नोलॉजी के एलिमेंट्स को मिलाकर पहला ट्रांजिस्टराइज्ड पेजर बनाया.मोटोरोला अगले 40 सालों तक पेजर की दुनिया का बादशाह था. उसने ग्राहकों के लिए पहला टोन-ओनली पेजर, पेजबॉय I पेश किया. टोन-ओनली पेजर के साथ रिसीवर को केवल एक ही टोन मिलती थी और उसे पता चल जाता था कि क्या करने की जरूरत है. उदाहरण के लिए पेजर से डॉक्टर को बताया जाता था कि उसे सीधे ईडी में जाना चाहिए या आगे की जानकारी के लिए हॉस्पिटल ऑपरेटर को कॉल करना चाहिए.
पेजर की कीमत
1970 और 1980 के दशक में पेजर का काफी चलन था. उस दौरान पेजर की कीमत लगभग 200 से 300 डॉलर थी. इसके अलावा इसकी सर्विस के लिए महीने का खर्च करीब 25 से 30 डॉलर था. हॉस्पिटल और बिजनेस में काम करने वालों के अलावा कुछ ही लोग पेजर का इस्तेमाल करते थे.
पेजर चलाने वालों की संख्या
पेजर बनाने वाली एक अन्य कंपनी स्पोक के मुताबिक, 1980 के दौरान दुनिया भर में पेजर इस्तेमाल करने वालों की संख्या करीब 32 लाख थी. हालांकि, पेज से मैसेज पहुंचाने की रेंज सीमित थी, क्योंकि इनका इस्तेमाल चुनिंदा जगहों पर केवल खास लोग ही करते थे, जैसे- हॉस्पिटल और डॉक्टर. इससे पहले पेजर पर टोन के अलावा ऑडियो मैसेज की सुविधा भी आ चुकी थी.
न्यूमेरिक डिस्प्ले पेजर
1980 की शुरुआत में न्यूमेरिक डिस्प्ले पेजर का सिलसिला शुरू हुआ. ये पेजर शोर नहीं मचाते थे, जिससे अस्पतालों में शांति कायम रखने में मदद मिली. ये पेजर डिवाइस के टॉप पर एक नंबर दिखाते थे, जो एक्स्टेंशन या कॉल या इंटरनल कोड के तौर पर काम करता था. आप टेलीफोन के जरिए भी पेज कर सकते थे.
अल्फान्यूमेरिक डिस्प्ले पेजर
1980 में अल्फान्यूमेरिक डिस्प्ले पेजर ने भी दस्तक दे दी थी. इनसे डिजिटल नेटवर्क के जरिए टेक्स्ट मैसेज भेजे जाते हैं. ये पेजर ऑपरेटर डिस्पैच, टेलीलोकेटर अल्फान्यूमेरिक प्रोटोकॉल (TAP) से अल्फान्यूमेरिक पेज भेजने वाले डिवाइस IXO और कंप्यूटर के तहत काम करता है.
टू-वे पेजर
टू-वे पेजर उन्हें कहा जाता है, जिनमें QWERTY कीपैड होते हैं, और ये मैसेज भेजने के साथ किसी मैसेज का रिप्लाई भी कर सकते हैं. कई बड़े हॉस्पिटल और हेल्थ सिस्टम में आज भी टू-वे पेजर का इस्तेमाल किया जाता है. इन जगहों पर टू-वे पेजिंग होती है, लेकिन वन-वे पेजर की पॉपुलैरिटी भी कायम रही.
पेजर बनाने वाली कंपनियां
पेजर बनाने की दिग्गज कंपनियों में इनका नाम शामिल है-
1. Motorola: मोटोरोला ने पेजर बनाने के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है. मोटोरोला के सबसे फेमस पेजर मॉडल में ‘Pageboy’ और ‘Bravo’ शामिल हैं.
2. NEC Corporation: एनईसी कॉर्पोरेशन भी पेजर बनाने की दिग्गज कंपनियों में से एक रही है.
3. Philips: फिलिप्स ने भी कई तरह के पेजर बनाए हैं, जो अलग-अलग फीचर्स और डिजाइन के साथ आते थे.
4. Panasonic: पैनासोनिक ने भी पेजर के कई मॉडल बनाए, जो खासतौर पर जापान और एशियाई देशों में लोकप्रिय थे.
5. Spok: स्पोक भी पेजर की एक बड़ी कंपनी है, जो पेजिंग सर्विस देती है, और प्रीमियम पेजर बनाती है.
भारत में पेजर
पेजर, जिसे बीपर भी कहा जाता है, का चलन भारत में भी रहा है. 1995 में इंडिया के अंदर पेजर की शुरुआत हुई, जिसमें 1991 के आर्थिक सुधारों ने बड़ी भूमिका निभाई. भारत में पेजर खरीदने को स्टेटस सिंबल से जोड़ा गया. पेजर के जरिए लोगों को एक-दूसरे को मैसेज पहुंचाने में काफी मदद मिली. भारत की पेजर इंडस्ट्री में मोटोरोला, मोबिलिंक, बीपीएल और पेजलिंक जैसी कंपनियों का दखल रहा है. उस दौरान एक पेजर की कीमत लगभग 10,500 रुपये के आसपास थी.
क्यों घटा पेजर का चलन?
1994 में करीब 6 करोड़ से भी ज्यादा लोग पेजर चलाते थे. मोबाइल वगैरह की तुलना में पेजर बातचीत का किफायती जरिया था. लेकिन जैसे-जैसे मोबाइल खरीदना सस्ता होता गया, पेजर की लोकप्रियता घटती गई. पेजर की तुलना में मोबाइल फोन बेहतर फीचर्स के साथ आते हैं, इनसे मैसेज के अलावा सीधे कॉल की जा सकती है. इसके अलावा फोन पर इंटरनेट भी चलाया जा सकता है. यही बड़ी वजह रहीं जो लोगों ने पेजर को छोड़कर मोबाइल को अपनाना शुरू कर दिया.
हिजबुल्लाह ने क्यों चुना पेजर?
लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह ने अपने आदमियों के लिए टेलीफोन या मोबाइल का इस्तेमाल करने से मना किया था. हिजबुल्लाह को खतरा था कि इजराइल मोबाइल को हैक कर सकता है, और उसके संगठन को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए हिजबुल्लाह लीडर हसन नसरल्लाह ने अपने लड़ाकों को पेजर का इस्तेमाल करने के लिए कहा था.
पेजर में ब्लास्ट और इजराइल
हिजबुल्लाह ने दावा किया कि इजराइल ने पेजर में ब्लास्ट कराए हैं. जिन पेजर में ब्लास्ट हुआ उन्हें ताइवानी कंपनी गोल्ड अपोलो से खरीदा गया था. कंपनी का कहना है कि पेजर उसके ब्रांड के थे लेकिन इन्हें हंगरी की एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी ने बनाया है.ताइवानी मीडिया में कहा गया कि गोल्ड अपोलो को 5,000 AP924 Model Pager ऑर्डर दिया गया. लेबनान से आई खबरों में दावा किया गया कि डिलीवरी से पहले ही इजराइल ने इन पेजर में सेंधमारी की और विस्फोटक फिट कर दिया. एक खास मैसेज रिसीव होते ही पेजर में ब्लास्ट होना शुरू हो गया. हालांकि, इजराइल ने इसकी पुष्टि नहीं की है.
अभी कहां इस्तेमाल होता है पेजर?
पेजर का इस्तेमाल केवल हिजबुल्लाह ही नहीं करता है, बल्कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित देश भी पेजर का इस्तेमाल करते हैं. इनमें हॉस्पिटल और हेल्थ इंडस्ट्री में खासतौर पर पेजर का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा इमरजेंसी सर्विस और कुछ खास कंपनियां भी कम्युनिकेशन के लिए पेजर का इस्तेमाल करती हैं.
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