SETI का नवीनतम अभियान: 1,300 गैलेक्सी पर एलियंस की खोज में नए तरीके की शुरुआत


SETI का नवीनतम अभियान: 1,300 गैलेक्सी पर एलियंस की खोज में नए तरीके की शुरुआत

SETI का नवीनतम अभियान: 1,300 गैलेक्सी पर एलियंस की खोज में नए तरीके की शुरुआत

हमेशा से मानवता का यह सवाल रहा है कि क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं? क्या कोई अन्य ग्रह या सिविलाइजेशन है जो हमारी तरह ही विकसित हो सकता है या शायद हमसे भी ज्यादा उन्नत हो? इस सवाल का उत्तर खोजने के लिए वैज्ञानिक लगातार प्रयास कर रहे हैं। हाल ही में अमेरिका में एक नई रिसर्च सामने आई है, जो एलियंस की खोज में एक नई दिशा की ओर इशारा करती है। यह रिसर्च न केवल विशिष्ट है बल्कि इसके लिए अपनाया गया तरीका भी अनोखा है।सर्च फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (SETI) ने हाल ही में 1,300 से ज्यादा गैलेक्सी पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसका उद्देश्य ब्रह्मांड में किसी भी संभावित एलियंस के संकेतों का पता लगाना था। इस रिसर्च के लिए ऑस्ट्रेलिया में स्थित मर्चिसन वाइडफील्ड ऐरे (MWA) का उपयोग किया गया, जो 80-300 मेगाहर्ट्ज के बीच लो रेडियो फ्रीक्वेंसी पर फोकस करता है। यह एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि अब तक SETI की खोजें मुख्य रूप से 1,420 मेगाहर्ट्ज की हाइड्रोजन एमिशन फ्रीक्वेंसी पर केंद्रित रही हैं।

Murchison Widefield Array Mwa Telescope Seti


SETI का नया तरीका और रिसर्च की रणनीति

SETI ने इस बार एक नया तरीका अपनाया है, जिसमें 80-300 मेगाहर्ट्ज के लो रेडियो फ्रीक्वेंसी पर ध्यान दिया गया है। कैलिफोर्निया स्थित SETI इंस्टीट्यूट के चेनोआ ट्रेंबले और ऑस्ट्रेलिया की कर्टिन यूनिवर्सिटी के स्टीवन टिंगे की नेतृत्व में की गई इस स्टडी ने गैलेक्सी के नए हिस्सों की खोज की है। रिसर्च टीम ने वेला कॉन्स्टलेशन के भीतर एक विशेष क्षेत्र को चुना, जिसमें लगभग 2,880 गैलेक्सी शामिल हैं। इस रणनीति का उद्देश्य इन गैलेक्सी में किसी भी संभावित ट्रांसमीटर की पावर का अनुमान लगाना था।रिसर्च के दौरान, 1,317 गैलेक्सी पर विशेष ध्यान दिया गया, और उनकी दूरी को सटीक रूप से मापा गया। हालांकि शुरुआती खोजों में कोई स्पष्ट एलियंस सिग्नल नहीं मिला, लेकिन रिसर्च टीम ने पाया कि वे 100 मेगाहर्ट्ज की फ्रीक्वेंसी पर 7 x 10^22W की ट्रांसमीटर पावर के साथ एक सिग्नल का पता लगा सकते थे। यह जानकारी भविष्य की खोजों में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है।


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रिसर्च की विशेषताएँ और महत्व

यह रिसर्च पहली बार लो-फ्रीक्वेंसी एक्स्ट्रागैलेक्टिक टेक्नोसिग्नेचर सर्च को रिप्रेजेंट करती है। सिंगल-डिश एक्सपेरिमेंट्स की तुलना में MWA कम सेंसेटिव हो सकता है, लेकिन इसकी यूनिक फ्रीक्वेंसी रेंज कवरेज और बड़े इंस्टेंट फील्ड ऑफ व्यू (FOV) इसे विशेष बनाते हैं। पृथ्वी पर कई पावरफुल एमिटर्स और शुरुआती रेडियो ट्रांसमिशन 300 मेगाहर्ट्ज से कम फ्रीक्वेंसी पर होते हैं, लेकिन इस तरह के सिग्नल की खोज पहले कम की गई है।


Milky Way Neighbouring Galaxies

एलियंस की सिविलाइजेशन और कार्दशेव स्केल

जब हम पृथ्वी से परे एलियंस की खोज के बारे में सोचते हैं, तो हम अक्सर उनके टेक्नोलॉजी के स्तर और विकास की उम्र पर ध्यान देते हैं। एलियंस की सिविलाइजेशन की खोज में कार्दशेव स्केल एक महत्वपूर्ण मानक है, जिसे निकोलाई कार्दशेव ने प्रस्तुत किया था। इस स्केल के तीन प्रमुख स्तर हैं:

  • टाइप I सिविलाइजेशन: ग्रह की सभी ऊर्जा का उपयोग कर सकते हैं (10^16 W से ऊपर)
  • टाइप II सिविलाइजेशन: एक स्टार की ऊर्जा का सीधे उपयोग कर सकते हैं (10^26 W से ऊपर)
  • टाइप III सिविलाइजेशन: पूरी गैलेक्सी की ऊर्जा को नियंत्रित कर सकते हैं (10^36 W से ऊपर)

Alien

कार्दशेव स्केल का उच्चतम स्तर बड़ी मात्रा में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन को उत्पन्न कर सकता है, जिसे गैलेक्सी की दूरी पर भी पता लगाया जा सकता है। पहले के विचारों में गैलेक्सी की स्टारलाइट या पल्सर के माध्यम से कम्युनिकेशन नेटवर्क का उपयोग शामिल था।


Alien (6)

रेडियो तरंगों की भूमिका

1959 में कोकोनी और मॉरिसन द्वारा प्रस्तुत किया गया रेडियो तरंगों का कॉन्सेप्ट अंतरिक्ष में लंबी दूरी पर संचार के लिए एक व्यावहारिक तरीका प्रदान करता है। इससे इंटरस्टेलर कम्युनिकेशन की खोज को आसान बनाया गया है और रेडियो तरंगों का उपयोग स्पेस कम्युनिकेशन के लिए एक महत्वपूर्ण तरीके के रूप में उभरा है।


Aliens

भविष्य की खोजें और SETI का दृष्टिकोण

SETI ने अपने 64 वर्षों के इतिहास में सबसे अधिक ध्यान हमारी गैलेक्सी 'मिल्की वे' पर केंद्रित किया है। हालांकि, हाल के वर्षों में नजरिया बदला है और अब गैलेक्सी के बाहर की खोज पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। 2015 में G-HAT प्रोजेक्ट ने 1,00,000 गैलेक्सी का सर्वे किया, लेकिन एलियंस का कोई स्पष्ट सबूत नहीं मिला।भविष्य में, जैसे-जैसे हमारी तकनीक और समझ विकसित होती जाएगी, हम और अधिक दूर और स्पष्ट सिग्नल का पता लगाने में सक्षम हो सकते हैं। यह नई रिसर्च, भले ही अभी तक किसी स्पष्ट सिग्नल का पता नहीं लगा पाई हो, लेकिन यह निश्चित रूप से एलियंस की खोज में एक महत्वपूर्ण कदम है और भविष्य की खोजों के लिए मार्गदर्शन कर सकती है।अंततः, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि ब्रह्मांड में हम अकेले हैं या नहीं। लेकिन SETI की नई खोज इस सवाल का उत्तर खोजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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