एकनाथ शिंदे: हार के बावजूद कैसे बन सकते हैं महाराष्ट्र के ‘बाजीगर’?

 

एकनाथ शिंदे: हार के बावजूद कैसे बन सकते हैं महाराष्ट्र के ‘बाजीगर’?


एकनाथ शिंदे: हार के बावजूद कैसे बन सकते हैं महाराष्ट्र के ‘बाजीगर’?

राजनीति में हर कदम सोच-समझकर उठाना पड़ता है, और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस कला में माहिर हो चुके हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि उन्होंने कई बार ‘बाजीगर’ की भूमिका निभाई है। अगर हम बॉलीवुड के मशहूर डायलॉग को याद करें, "हारी हुई बाजी को जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं", तो एकनाथ शिंदे इस उदाहरण को वास्तविकता में बदलते नजर आ सकते हैं।

क्या होगा एकनाथ शिंदे का अगला कदम?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिंदे के अगले कदम पर सभी की निगाहें हैं। वह न केवल महाराष्ट्र की राजनीति में एक प्रभावशाली नेता के रूप में उभरकर सामने आए हैं, बल्कि उनके बारे में कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भारी-भरकम विभागों के साथ कैबिनेट का हिस्सा बन सकते हैं। इसके अलावा, अगर वह डिप्टी सीएम नहीं बनते हैं, तो उनके बेटे या किसी करीबी को यह पद मिल सकता है। लेकिन अब सवाल यह है कि शिंदे राजनीति के इस मोड़ पर कौन सी चाल चलेंगे, जिससे वे हारकर भी बाजीगर बन जाएं।

डिप्टी सीएम बनने से क्या होगा फायदा?

इसमें कोई शक नहीं कि शिंदे अब महाराष्ट्र में सीएम नहीं बन सकते। फिर भी, उन्हें इस बात का पूरा फायदा है कि उन्होंने बतौर सीएम शानदार काम किया है। वह उन योजनाओं का क्रेडिट ले सकते हैं जो उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान शुरू कीं। अब अगर शिंदे डिप्टी सीएम बनते हैं तो यह उनके लिए नई रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिससे वे न केवल सरकार का हिस्सा बने रहेंगे, बल्कि जनता की नजरों में भी एक मजबूत नेता के रूप में उभर सकते हैं।

फडणवीस के क्लब में शामिल होंगे शिंदे

पिछले कुछ सालों में देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच राजनीतिक समीकरण कई बार बदलते रहे हैं। ढाई साल पहले जब शिंदे को सीएम बनाया गया था, तब फडणवीस को डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई थी, जो अपने आप में एक बड़ा कदम था। अगर शिंदे डिप्टी सीएम बनने का निर्णय लेते हैं तो वह भी इस खास क्लब का हिस्सा बन सकते हैं। इससे उनकी सरकार में भी मजबूती आएगी और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का पूरा मौका मिल सकता है, भले ही इस बार यह पद किसी और के पास हो।

महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी

डिप्टी सीएम बनने के बाद शिंदे को कुछ बड़े विभागों की जिम्मेदारी मिल सकती है, जैसे शहरी विकास, एमएसआरडीसी, राजस्व, कृषि, स्वास्थ्य, और सामाजिक न्याय। इन विभागों में प्रभावी काम करके वह अपनी छवि को और मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा, उन्हें केंद्र सरकार में भी कोई महत्वपूर्ण स्थान मिल सकता है। शिंदे के लिए यह न केवल राजनीतिक रूप से फायदेमंद होगा, बल्कि जनता के बीच उनकी लोकप्रियता भी बढ़ेगी।

जनता के बीच बने रहेंगे हीरो

महाराष्ट्र की जनता को शिंदे के कामों का भरपूर अंदाजा है। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने कई योजनाओं को लागू किया, जिनका सीधा फायदा जनता को हुआ। चाहे वह शहरी विकास की योजनाएं हों, कृषि विभाग से जुड़े सुधार हों, या स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधार शिंदे ने हमेशा लोगों के भले के लिए काम किया। अब अगर वह डिप्टी सीएम बनते हैं तो वे इन योजनाओं का पूरा क्रेडिट ले सकते हैं, जिससे उनकी छवि और बेहतर होगी।

क्या शिंदे अपनी टीम मोदी के लिए बेटे को भेज सकते हैं?

शिंदे की अगली बड़ी बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से होने वाली है, और इस बैठक में यह तय किया जा सकता है कि शिंदे अपने बेटे या किसी करीबी को दिल्ली भेजने का फैसला करें। अगर ऐसा होता है तो यह शिंदे के लिए एक बड़ी राजनीतिक चाल हो सकती है, जिससे उन्हें भविष्य में राष्ट्रीय राजनीति में और भी ज्यादा जगह मिल सकती है।एकनाथ शिंदे राजनीति के उस मोड़ पर हैं जहां उन्हें हर कदम सोच-समझकर उठाना होगा। वह हार के बावजूद राजनीतिक फायदे के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं, और महाराष्ट्र की राजनीति में अपने लिए एक नया रास्ता बना सकते हैं। समय आने पर यह साफ होगा कि शिंदे ने यह चाल कैसे चली और कैसे वह जनता की नजरों में एक बार फिर बाजीगर बनकर उभरते हैं।

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