पीएम मोदी का पोलैंड में बयान: यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्ष पर चिंता, डिप्लोमेसी को प्राथमिकता



पीएम मोदी का पोलैंड में बयान: यूक्रेन और पश्चिम एशिया में संघर्ष पर चिंता, डिप्लोमेसी को प्राथमिकता

वारसॉ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। यह मुलाकात विशेष महत्व रखती है, क्योंकि 45 वर्षों के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने पोलैंड का दौरा किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "पोलैंड से हमारे संबंधों का विशेष महत्व है और आज का दिन इस संबंध में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। हम अपनी राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और हमने इसे स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप में बदलने का निर्णय लिया है।"

उन्होंने पोलैंड के सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत कभी भी यूक्रेन संकट के दौरान पोलैंड की उदारता को नहीं भूलेगा, जब पोलैंड ने वहां फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने में मदद की थी। इसके अलावा, पीएम मोदी ने फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र में पोलैंड की वैश्विक भूमिका की सराहना की और पोलैंड की कंपनियों को 'मेक इन इंडिया' और 'मेक फॉर वर्ल्ड' पहलों से जुड़ने का निमंत्रण दिया।प्रधानमंत्री मोदी ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर दोनों देशों के करीबी तालमेल की आवश्यकता पर जोर दिया और संयुक्त राष्ट्र संघ समेत अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थानों में सुधार की मांग की। 

उन्होंने वैश्विक संकटों, विशेष रूप से यूक्रेन और पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्षों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि "रणभूमि में समाधान नहीं, बल्कि डायलॉग और डिप्लोमेसी से ही स्थिरता संभव है।" प्रधानमंत्री मोदी ने कल पोलैंड की यात्रा की शुरुआत की और आज पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से भी मुलाकात की। उनके पोलैंड दौरे के बाद पीएम मोदी की योजना कीव, यूक्रेन का दौरा करने की है। इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और वैश्विक चुनौतियों का मिलकर सामना करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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