उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में दो लड़कियों की डेथ मिस्ट्री: हत्या या आत्महत्या?

 
उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में दो लड़कियों की डेथ मिस्ट्री: हत्या या आत्महत्या?

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में दो लड़कियों की डेथ मिस्ट्री: हत्या या आत्महत्या?

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के भगवतीपुर गांव में 27 अगस्त की सुबह एक आम के पेड़ से दो लड़कियों की लाशें लटकती हुई मिलीं। 18 और 15 साल की ये दोनों लड़कियां इलाके में चर्चित हो गईं, जब उनके परिजनों ने इस मामले को आत्महत्या के बजाय हत्या का रूप देने का आरोप लगाया। शुरुआत में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत होता था, लेकिन अब पुलिस के द्वारा जुटाए गए सबूत इस केस को एक पेचीदा हत्या की गुत्थी में बदलते नजर आ रहे हैं।

घटनाक्रम की शुरुआत

26 अगस्त को जन्माष्टमी के अवसर पर, दोनों लड़कियां पास के मंदिर में झांकी देखने के लिए घर से निकली थीं। दोनों की अच्छी दोस्ती थी और गांव में एक दूसरे के साथ समय बिताना उनकी आदत थी। झांकी देखने के बाद, लड़कियां देर रात तक घर नहीं लौटीं। एक लड़की की बुआ उसी गांव में रहती थी, और यह मानते हुए कि दोनों लड़कियां बुआ के घर पर सो गई होंगी, परिवार ने चिंता नहीं की। लेकिन सुबह जब लाशें पेड़ से लटकती मिलीं, तो पूरे गांव में कोहराम मच गया।

मौके पर मिले सबूत

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दोनों लड़कियों की लाशों को उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेजा। प्रारंभिक जांच में यह आत्महत्या का मामला प्रतीत हुआ। दोनों लाशें एक ही दुपट्टे से लटक रही थीं। हालांकि, पुलिस ने मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं पाया, लेकिन एक मोबाइल फोन और एक सिम कार्ड मिला।

परिजनों का आरोप

लड़कियों के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया और कहा कि उनकी बेटियों को मारकर उनकी लाशों को पेड़ पर लटकाया गया था। परिजनों का दावा है कि गिरफ्तार किए गए लड़के, दीपक और पवन, उनकी बेटियों को परेशान करते थे और यह हत्या उनके उत्पीड़न का परिणाम है।

पुलिस की जांच और नए खुलासे

पुलिस ने मोबाइल फोन और सिम कार्ड की जांच की। फोन और सिम कार्ड एक लड़के के ममेरे भाई का था और दूसरी लड़की के कपड़ों से सिम कार्ड मिला। जांच में पता चला कि लड़कियों ने उस सिम कार्ड से दो स्थानीय लड़कों, दीपक और पवन, के साथ रात भर बात की थी। यह बात पुलिस के लिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि कॉल डिटेल्स से पता चला कि वारदात की रात दोनों लड़कियां दीपक और पवन से घंटों बात कर रही थीं।

खुदकुशी के लिए मजबूर करने की थ्योरी

जांच के दौरान यह भी सामने आया कि लड़कियां मंदिर जाने के बजाय दीपक और पवन से बात कर रही थीं। यह सवाल उठता है कि क्या इन लड़कों ने लड़कियों से ऐसी बातें कीं कि वे आत्महत्या करने पर मजबूर हो गईं? यदि ऐसा है, तो यह मामला 'एबेटमेंट टू सुसाइड' यानी आत्महत्या के लिए उकसाने का हो सकता है। इसी आधार पर पुलिस ने दीपक और पवन को गिरफ्तार किया है।

पेड़ पर लाशों की स्थिति

लाशों की स्थिति भी जांच के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदु है। दोनों लड़कियां दुपट्टे के दो अलग-अलग छोर से लटकी हुई थीं। दुपट्टे की गांठ लगाकर दोनों लाशों को जोड़कर एक ही पेड़ पर लटकाया गया था। गले में फंदा था, लेकिन पेड़ की डाली पर दुपट्टे की कोई गांठ नहीं थी। इसका मतलब यह है कि दोनों लड़कियां एक-दूसरे के वजन से पेड़ से लटक रही थीं। यह स्थिति खुदकुशी के परिदृश्य को और भी संदिग्ध बनाती है।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई

डीएम और एसपी ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का आकलन किया और आश्वस्त किया कि वे मामले की हर संभव जांच करेंगे। उनका कहना है कि तफ्तीश के बाद सच्चाई सामने लाई जाएगी। हालांकि, परिवार और गांववाले आत्महत्या की थ्योरी पर शक कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि गिरफ्तार लड़के उनकी बेटियों को परेशान करते थे। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में दो लड़कियों की मौत का मामला सुसाइड की बजाय हत्या का प्रतीत हो रहा है, लेकिन सबूत और जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी। पुलिस की जांच, सबूत, और घटनास्थल पर मिली वस्तुएं इस केस को और भी जटिल बनाती हैं। यह मामला आत्महत्या, हत्या, और आत्महत्या के लिए उकसाने के बीच की गुत्थी को उजागर करता है, और इसके परिणाम गांव और परिवार के लिए बड़े प्रभाव डाल सकते हैं। इस प्रकार की जटिल और संवेदनशील घटनाओं के समाधान के लिए सही जांच और निष्पक्ष कार्रवाई आवश्यक है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और सच्चाई सामने आ सके।

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