महाविद्यालय में प्राचार्य की अनुपस्थिति एबीवीपी ने कलक्टर और आयुक्त को दी शिकायत

महाविद्यालय में प्राचार्य की अनुपस्थिति एबीवीपी ने कलक्टर और आयुक्त को दी शिकायत


महाविद्यालय में प्राचार्य की अनुपस्थिति एबीवीपी ने कलक्टर और आयुक्त को दी शिकायत

बसेड़ी. सरकार शिक्षा को लेेकर लगातार अभियान चला रही है। जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सकें। लेकिन यहां तो महाविद्यालय के गुरु जी की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही है। महाविद्यालय में वह जब कभी आते है तो उपस्थिति तो एक साथ अपनी लगाते है, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में बना हुआ है।कस्बे से चार किलोमीटर दूर बयाना बसेड़ी राजमार्ग पर कोटरा गांव के पास स्थित राजकीय महाविद्यालय पर विभाग के अधिकारियों की लापरवाहीं से महाविद्यालय प्राचार्य की मनमानी कम नहीं हो रही है। महाविद्यालय में प्राचार्य की मनमानी तरीके से आना-जाना बना हुआ है। कोई भी देखने और सुनने वाला नहीं है।

यह मामला जिला कलक्टर से लेकर संभागीय आयुक्त तक पहुंच चुका है। लेकिन अभी तक कार्रवाई नहीं हो सकी। गुरुवार को राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अमजद फातमी अपने निर्धारित समय पर पहुंचे और उन्होंने शुक्रवार के भी एडवांस हस्ताक्षर करके चले गए। शुक्रवार को ड्यूटी पर आए ही नहीं जब के रजिस्टर में उनके हस्ताक्षर मौजूद होने का आरोप छात्र नेताओं ने लगाया है। इसके अलावा सितंबर 2024 के रजिस्टर में 4 और 5 में अन्य स्टाफ के हस्ताक्षर थे। लेकिन प्राचार्य के हस्ताक्षर नहीं थे। लेकिन दो दिन बाद प्राचार्य ने रजिस्टर में अपनी उपस्थिति दर्ज कर दी।

एबीवीपी नगर सह मंत्री रघुराज सिंह परमार ने महाविद्यालय में कार्यरत प्राचार्य को लेकर कहा कि पूर्व में भी कई बार महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने यह जानकारी दी और कहा कि आए दिन महाविद्यालय के प्रिंसिपल कॉलेज से गायब रहते हैं। मनमाने तरीके से आते और जाते हैं मुयालय पर तो कभी रहते ही नहीं है धौलपुर से आना-जाना रहता है वही सप्ताह में कई दिन तक गायब रहते है बाद में आकर रजिस्टर में हस्ताक्षर करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महाविद्यालय में गायब रहने से विद्यालय प्रबंधन एवं छात्र-छात्राओं के भविष्य से खिलवाड़ हो रहा है। जिससे संगठन कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।

उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप निराधार है वह महाविद्यालय को बहुत अच्छा संचालित कर रहे है। जिसे कुछ लोगों को अच्छा नहीं लग रहा है। इसलिए उनकी शिकायतें की जा रही है।-डॉ. अमजद फातमी, प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय बसेड़ी

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