असम में आधार कार्ड के लिए एनआरसी रसीद अनिवार्य नई नीति एक अक्टूबर से लागू

असम में आधार कार्ड के लिए एनआरसी रसीद अनिवार्य नई नीति एक अक्टूबर से लागू


असम में आधार कार्ड के लिए एनआरसी रसीद अनिवार्य नई नीति एक अक्टूबर से लागू

गुवाहाटी, 7 सितंबर 2024: असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिसके अनुसार राज्य में आधार कार्ड के लिए नए आवेदकों को अपनी एनआरसी आवेदन रसीद संख्या (एआरएन) प्रस्तुत करनी होगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नए नियम को लागू करने के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी, जो 1 अक्टूबर 2024 से प्रभावी होगी। इस कदम का उद्देश्य अवैध विदेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें रोकने के लिए सख्त उपाय लागू करना है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आधार कार्ड के लिए प्राप्त आवेदनों की संख्या हमारी जनसंख्या से अधिक है। यह असामान्य वृद्धि संदिग्ध नागरिकता की ओर इशारा करती है। इसलिए, हमने तय किया है कि नए आवेदकों को अपनी एनआरसी आवेदन रसीद संख्या (एआरएन) जमा करनी होगी।” उन्होंने कहा कि इससे आधार कार्ड प्राप्त करने की प्रक्रिया सख्त होगी और उम्मीद है कि अन्य राज्य भी इस मॉडल को अपनाएंगे।

इस नई नीति का दायरा उन 9.55 लाख लोगों पर लागू नहीं होगा जिनके बायोमेट्रिक्स एनआरसी प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे। ये लोग पहले ही अपने आधार कार्ड प्राप्त कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त, चाय बागान क्षेत्रों में भी यह योजना लागू नहीं होगी क्योंकि वहाँ बायोमेट्रिक मशीनों की कमी के कारण आधार कार्ड बनवाना कठिन है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने चार जिलों की विशेष रूप से चर्चा की, जहाँ आधार कार्ड के लिए आवेदनों की संख्या उनकी कुल अनुमानित जनसंख्या से अधिक है। इन जिलों में बारपेटा (103.74 प्रतिशत), धुबरी (103 प्रतिशत), मोरीगांव और नागांव (101 प्रतिशत) शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र ने राज्य सरकारों को आधार कार्ड जारी करने के निर्णय का अधिकार दिया है, और असम सरकार ने तय किया है कि आधार कार्ड तभी जारी किए जाएंगे जब संबंधित जिला आयुक्त द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।

शर्मा ने कहा कि उनकी सरकार अवैध विदेशियों की पहचान की प्रक्रिया को तेज करेगी, विशेष रूप से हाल के महीनों में कई बांग्लादेशियों की गिरफ्तारी और उन्हें उनके देश के अधिकारियों को सौंपने के संदर्भ में। यह कदम राज्य में नागरिकता की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

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