
बहराइच में आदमखोर भेड़ियों का कहर: 10 लोगों की मौत, 40 से अधिक घायल
बहराइच, उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों के हमलों से एक भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है। पिछले कुछ हफ्तों में भेड़ियों ने 10 से अधिक लोगों की जान ले ली है और 40 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों ने पूरे जिले में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।बहराइच के चीफ मेडिकल ऑफिसर संजय कुमार ने बताया कि भेड़िया अपने शिकार को सबसे पहले गर्दन पर दांत गड़ा कर मारता है। इस प्रक्रिया में भेड़िया श्वासनली को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिससे शिकार की तुरंत मौत हो जाती है। भेड़िया अक्सर अपने नाखून और दांतों की स्थिति बदलते हुए गर्दन को पकड़ता है और शिकार को अपने कब्जे में ले लेता है। जब शिकार मर जाता है, तब भेड़िया शरीर को खाता है, और कई बार शोर सुनकर शिकार को छोड़कर भाग जाता है।
पोस्टमार्टम रिपोर्टों के अनुसार, मृतकों के शरीर पर गहरे घाव पाए गए हैं। रिपोर्टों में उल्लेख किया गया है कि शवों पर भेड़ियों के दांत और पंजे के निशान स्पष्ट रूप से देखे गए हैं। कुछ शवों के हाथ और पैर गायब थे, और कुछ के पेट भी फाड़ दिए गए थे। चिकित्सकीय जांच के दौरान यह भी पता चला कि भेड़ियों ने कई शवों को बुरी तरह से खा लिया था, और शवों पर अलग-अलग चोटों के निशान मिले हैं।
एक विशेष मामले में, भेड़ियों ने रीता देवी को शिकार बनाया, लेकिन वे उसे पूरी तरह से नहीं खा पाए। रीता देवी की गर्दन पर भेड़ियों के नाखून और दांत के निशान मिले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया गया कि रीता देवी के शरीर पर कुल 21 चोटों के निशान थे, जो मुख्य रूप से गले और इसके आस-पास थे। रिपोर्ट के अनुसार, भेड़ियों के हमलों में अधिकांश घाव गले के आसपास थे, और शरीर के अन्य हिस्से भी खा लिए गए थे।सीने और पेट का हिस्सा भी भेड़ियों द्वारा खा लिया गया था। घावों के निशान इस बात की पुष्टि करते हैं कि भेड़ियों ने शिकार को बुरी तरह से मारा और खाया। खुशबू नामक एक अन्य पीड़ित के शव पर भी भेड़ियों के दांतों से काटने और घसीटने के निशान पाए गए हैं।
इन घटनाओं ने बहराइच में जनता को गहरी चिंता में डाल दिया है। भेड़ियों के हमलों को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष उपायों की योजना बनाई है। पुलिस और वन विभाग की टीमें सक्रिय रूप से भेड़ियों की गतिविधियों पर निगरानी रख रही हैं और प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।भेड़ियों के इस आदमखोर व्यवहार ने न केवल स्थानीय निवासियों को परेशान किया है, बल्कि यह पूरे जिले में सुरक्षा की गंभीर चिंता का विषय बन गया है। प्रशासन और विशेषज्ञ मिलकर इस समस्या का समाधान खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
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