निमोनिया के कारण सीताराम येचुरी का निधन, एम्स को दान की जाएगी उनकी अंतिम देह
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। 72 वर्षीय येचुरी की तबियत पिछले कई दिनों से खराब थी, और उन्हें 19 अगस्त को तेज बुखार के चलते एम्स में भर्ती कराया गया था। फेफड़ों में संक्रमण के कारण उन्हें निमोनिया हो गया था, जिसके बाद उनकी स्थिति में सुधार नहीं आया और वह आईसीयू में एडमिट हो गए थे।
येचुरी के परिवार के अनुसार, उनकी तबियत कुछ दिनों से गंभीर बनी हुई थी, और अंततः उन्होंने आज अंतिम सांस ली। परिवार ने यह भी घोषणा की है कि पार्थिव शरीर के दर्शन के बाद एम्स को दान कर दिया जाएगा। सीताराम येचुरी की मृत्यु निमोनिया के कारण हुई है, जो एक गंभीर श्वसन प्रणाली की बीमारी है।
निमोनिया लंग्स में होने वाला एक संक्रमण है, जो वायरस, बैक्टीरिया या फंगस के कारण हो सकता है। वायरल निमोनिया और बैक्टीरियल निमोनिया दो प्रमुख प्रकार के निमोनिया हैं। आमतौर पर, बैक्टीरियल निमोनिया वायरल निमोनिया से ज्यादा खतरनाक होता है और इसके कारण मृत्यु का खतरा अधिक रहता है।
निमोनिया का खतरा सभी आयु वर्ग के लोगों को हो सकता है, लेकिन यह विशेष रूप से बुजुर्गों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों के लिए जानलेवा हो सकता है। बढ़ती उम्र में निमोनिया फेफड़ों पर गंभीर असर डालता है और यह कई अंगों के विफल होने का कारण बन सकता है।सीताराम येचुरी की मृत्यु उनके अनुयायियों और राजनीतिक जगत में एक बड़ा शोक लाने वाली घटना है। उनकी गहरी समझ और नेतृत्व ने भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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