फारूक अब्दुल्ला का अमित शाह पर पलटवार: ‘हम घुसपैठिये नहीं, न ही मंगलसूत्र लूटते हैं’
शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू का दौरा किया और यहां अपने भाषण में आतंकवाद से लेकर विपक्षी पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी), कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) को आड़े हाथों लिया। शाह ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि वे जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को बढ़ावा देने और पूर्व की स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल बना हुआ है।
अमित शाह ने आरोप लगाया कि एनसी और कांग्रेस के गठबंधन का उद्देश्य केवल चुनावी लाभ प्राप्त करना है और यह गठबंधन अस्थायी है। उन्होंने यह भी कहा कि एनसी और कांग्रेस, कश्मीर में अपनी पुरानी स्वायत्तता की व्यवस्था को पुनः लागू करना चाहती हैं, जो कि सुरक्षा के लिहाज से खतरे की घंटी है। शाह ने तंज कसते हुए कहा, "क्या आप उन लोगों को जीताना चाहेंगे जिन्होंने कटोरा लेकर श्रीनगर की ओर बढ़ने की बात की है?"
इस बयान के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने पलटवार किया और शाह के आरोपों को सिरे से नकार दिया। अब्दुल्ला ने कहा, "हम घुसपैठिए नहीं हैं और न ही हम किसी का मंगलसूत्र छीनने की सोच रखते हैं।" उन्होंने बीजेपी की आलोचना करते हुए कहा कि मुसलमानों ने इस देश की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और वे देश के बराबर के हिस्सेदार हैं। फारूक अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि बीजेपी केवल हिंदू मतदाताओं को डराने और सांप्रदायिक राजनीति को भड़काने का प्रयास कर रही है।
अब्दुल्ला ने यह भी दावा किया कि बीजेपी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर आतंकवाद को समाप्त करने का वादा किया था, लेकिन आतंकवाद अभी भी जारी है और इसके लिए बीजेपी खुद जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि एक दिन आएगा जब जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा वापस मिलेगा।
अमित शाह ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर की स्वायत्तता की मांग ने घाटी में 40 हजार लोगों की जान ले ली। उन्होंने चेतावनी दी कि कोई भी ताकत अब इस मुद्दे पर वापसी नहीं कर सकती।जम्मू कश्मीर में इन बयानों के बाद राजनीतिक माहौल और भी गर्म हो गया है। शाह और अब्दुल्ला के बीच की इस तीखी बयानबाजी से यह साफ है कि आने वाले दिनों में जम्मू कश्मीर की राजनीति में और भी उथल-पुथल हो सकती है।
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