पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश: कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी असंभव, नई संभावनाओं की ओर बढ़ता भारत।

पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश: कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी असंभव, नई संभावनाओं की ओर बढ़ता भारत।


पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश: कश्मीर में अनुच्छेद 370 की वापसी असंभव, नई संभावनाओं की ओर बढ़ता भारत।

जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हालिया दौरा न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह कश्मीर की जनता के लिए एक नई सुबह का संकेत भी बन गया। गुरुवार को उन्होंने अपने संबोधन में आत्मविश्वास और ऊर्जा का एक नया स्तर प्रस्तुत किया, जो उनके समर्थकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। मोदी ने कश्मीर के लोगों को जो संदेश दिया, वह यह था कि अब इस क्षेत्र में शांति और विकास की नई दिशा की शुरुआत हो चुकी है।

आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से यह संदेश दिया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद फैलाने के प्रयासों का सामना किया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान और कुछ भारतीय राजनीतिक दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे कश्मीर में अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। उनका यह कहना कि "कोई ताकत 370 वापस नहीं ला सकती" ने उनके समर्थकों में एक नई ऊर्जा भर दी। यह स्पष्ट संदेश इस बात का प्रतीक है कि अब कश्मीर में स्थितियां बदल चुकी हैं और यहां की जनता को अब एक सुरक्षित भविष्य की ओर बढ़ने का अवसर मिल रहा है।

शांति की बहाली और विकास की धारा

मोदी ने कश्मीर में पिछले पांच वर्षों में हुए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे इस क्षेत्र में अब नए स्कूल, कॉलेज और मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "आज बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं, बल्कि पेन और किताबें हैं।" यह वाक्य कश्मीर की नई पीढ़ी के लिए शिक्षा और विकास की दिशा को दर्शाता है। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 50,000 बच्चों को फिर से स्कूल में दाखिला दिलाया गया है और अब प्री-प्राइमरी कक्षाओं में डेढ़ लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। यह विकास केवल शैक्षणिक संस्थानों की संख्या में वृद्धि नहीं है, बल्कि यह कश्मीर की युवा पीढ़ी के भविष्य के लिए एक आशा की किरण है।

राजनीतिक दलों का निशाना

मोदी ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसी पार्टियों पर आरोप लगाया कि वे पाकिस्तान के एजेंडे को आगे बढ़ा रहे हैं। उनका यह कहना कि पाकिस्तान में इन पार्टियों के प्रति उत्साह है, यह दर्शाता है कि उनकी नीतियां देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं। प्रधानमंत्री ने कश्मीरी अवाम को समझाने की कोशिश की कि इन दलों की मांगें वही हैं जो पड़ोसी देश की इच्छाएं हैं।उन्होंने कहा, "क्या आप चाहते हैं कि पुराने दिन फिर लौटें, क्या चाहते हैं कि फिर हड़तालें हों, खून खराबा हो?" यह सवाल कश्मीर की जनता को यह सोचने पर मजबूर करता है कि वे किस दिशा में बढ़ना चाहते हैं। मोदी ने यह भी कहा कि कश्मीर की शांति और विकास के लिए उनके प्रयास जारी रहेंगे और इसके लिए कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा।

चुनावी प्रक्रिया में बदलाव

मोदी ने जम्मू-कश्मीर में चुनावी प्रक्रिया में हुए बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद से यहां की चुनावी गतिविधियों में महत्वपूर्ण सुधार आए हैं। उन्होंने बताया कि अब चुनावों में अधिकतम भागीदारी हो रही है। पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनावों में रिकॉर्ड वोटिंग प्रतिशत ने यह सिद्ध कर दिया है कि कश्मीर की जनता अब अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार है। किश्तवाड़ में 80.14% और पुलवामा में 46.65% मतदान ने यह दर्शाया कि लोग लोकतंत्र में विश्वास कर रहे हैं।मोदी ने यह भी बताया कि अब चुनावी कैंपेन पहले की तरह रात 5 बजे के बाद खत्म नहीं होता, बल्कि लोग खुलेआम अपनी बात कहने के लिए सामने आते हैं। इससे यह संकेत मिलता है कि कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक नया बदलाव आ रहा है, जिसमें जनता की भागीदारी बढ़ रही है।

अमन और शांति की प्राथमिकता

प्रधानमंत्री ने अपनी प्राथमिकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी सरकार शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। "शांति है तो तरक्की है," इस वाक्य में उनकी सोच की गहराई छिपी हुई है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में शांति की बहाली के लिए वह पूरी ईमानदारी से प्रयासरत हैं और इस दिशा में जो भी कदम उठाए जाएंगे, वे सिर्फ विकास के लिए ही होंगे।मोदी ने कश्मीर के लोगों को यह विश्वास दिलाया कि उनकी सरकार यहां की जनता के साथ खड़ी है और विकास की नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, "आज यहां नए स्कूल, नए कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी बन रहे हैं।" यह स्पष्ट संदेश कश्मीर की जनता को यह विश्वास दिलाता है कि उनकी मेहनत और समर्थन का फल अब मिल रहा है।

कश्मीर की नई पहचान

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि अब कश्मीर की पहचान केवल उसकी खूबसूरती तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि यह एक शिक्षित और विकसित समाज की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, "अब यहां के लोग नए अवसरों की तलाश कर रहे हैं और यह सरकार की जिम्मेदारी है कि उन्हें वह अवसर उपलब्ध कराए।" यह दृष्टिकोण कश्मीर को एक नई पहचान देने का प्रयास है, जिसमें विकास, शिक्षा और रोजगार की संभावनाएं शामिल हैं।मोदी ने यह भी बताया कि कश्मीर में बदलाव लाने के लिए सिर्फ एक राजनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता नहीं है, बल्कि सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "जब तक हम सब मिलकर काम नहीं करेंगे, तब तक विकास की धारा आगे नहीं बढ़ेगी।" यह संदेश कश्मीर के लोगों के लिए एक एकजुटता का प्रतीक बन गया है।

शिक्षा और कौशल विकास

शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए, मोदी ने कहा कि सरकार ने 15,000 स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं की शुरुआत की है। इसके अलावा, 250 स्कूलों को प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (PM SHRI) के रूप में अपग्रेड किया जा रहा है। इससे न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी, बल्कि यह उनके भविष्य को भी सुरक्षित करेगा।उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर में तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। आईटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना से युवाओं को न केवल शिक्षा मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे। यह कदम कश्मीर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करेगा।

आर्थिक विकास की संभावनाएं

मोदी ने कश्मीर में आर्थिक विकास की संभावनाओं पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पर्यटन, कृषि और हस्तशिल्प के क्षेत्र में व्यापक संभावनाएं हैं। सरकार ने इन क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई हैं, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।उन्होंने कहा, "यहां की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और स्थानीय उत्पादों को दुनिया के सामने लाने की आवश्यकता है।" यह स्पष्ट करता है कि कश्मीर केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक आर्थिक विकास का केंद्र भी बन सकता है।

कश्मीर की सुरक्षा

कश्मीर की सुरक्षा पर भी मोदी ने जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों की मेहनत के कारण आज कश्मीर में शांति है। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि सरकार कश्मीर के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। "हमारी प्राथमिकता है कि कश्मीर में कोई भी नागरिक असुरक्षित महसूस न करे," उन्होंने कहा।इससे यह संदेश स्पष्ट होता है कि सरकार कश्मीर की जनता की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

स्वास्थ्य सेवा में सुधार

प्रधानमंत्री ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी सुधार का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि नई अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों का निर्माण किया जा रहा है, जिससे कश्मीर के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी। यह कदम न केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाएगा, बल्कि लोगों की जीवन गुणवत्ता को भी सुधारने में मदद करेगा।मोदी ने कहा, "कश्मीर के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की आवश्यकता है, और हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।" यह संकेत करता है कि सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार को अपनी प्राथमिकता में रखा है।

युवा और खेल

प्रधानमंत्री ने कश्मीर में युवाओं के लिए खेलों को बढ़ावा देने की बात भी की। उन्होंने कहा कि खेलों के क्षेत्र में कश्मीर को एक नया पहचान मिल रहा है। उन्होंने स्थानीय खिलाड़ियों को प्रेरित करते हुए कहा कि सरकार उन्हें प्रशिक्षण और सुविधाएं प्रदान करेगी, ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखा सकें।"हम चाहते हैं कि कश्मीर के युवा खेलों में आगे बढ़ें और अपनी पहचान बनाएं," मोदी ने कहा। यह बात कश्मीर के युवाओं के लिए एक नई प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

महिलाओं का सशक्तिकरण

मोदी ने महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं को समाज में समान अवसर मिलना चाहिए और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार महिलाओं के विकास के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।"महिलाओं का सशक्तिकरण हमारे समाज के विकास के लिए जरूरी है," उन्होंने कहा। यह स्पष्ट करता है कि कश्मीर में महिलाओं को समान अवसर देने की दिशा में सरकार गंभीर है।

कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर

प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर की सांस्कृतिक धरोहर का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कश्मीर की संस्कृति और परंपराएं अनमोल हैं, और इन्हें संरक्षित करना आवश्यक है। "हमें अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संजोकर रखना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां इसे जान सकें," उन्होंने कहा।यह संदेश कश्मीर की पहचान को और मजबूत करता है, जिससे लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूक हो सकें।

राष्ट्रीय एकता का संदेश

मोदी ने कश्मीर में राष्ट्रीय एकता का संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसकी सुरक्षा और विकास सभी भारतीयों की जिम्मेदारी है। "हमें एक साथ मिलकर कश्मीर को एक विकसित और शांतिपूर्ण क्षेत्र बनाना है," उन्होंने कहा।यह बयान न केवल कश्मीर की जनता के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो सभी को एकजुट होकर काम करने की प्रेरणा देता है।इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का श्रीनगर दौरा कश्मीर के लिए एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है, जो उम्मीदों, अवसरों और संभावनाओं से भरा हुआ है। अब यह सभी की जिम्मेदारी है कि वे इस दिशा में मिलकर काम करें और एक विकसित, शांतिपूर्ण और समृद्ध कश्मीर का निर्माण करें।

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