कांग्रेस और भाजपा सरकारों की नीतियों से प्रभावित क्रमोन्नत स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था का संकट।



कांग्रेस और भाजपा सरकारों की नीतियों से प्रभावित क्रमोन्नत स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था का संकट।

बीकानेर. सरकार ने वर्ष 2021-22 में सभी सरकारी माध्यमिक स्कूलों को क्रमोन्नत कर उच्च माध्यमिक स्तर के कर दिए लेकिन इनके लिए स्कूल व्यायाताओं और विषय अध्यापकों की व्यवस्था नहीं की। ऐसे में प्रदेश में क्रमोन्नत इन 3 हजार 838 स्कूलों में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पर्याप्त शिक्षक नहीं है। इनमें ग्यारहवी कक्षा में संकाय भी स्वीकृत कर दिए गए है। विद्यार्थियों ने प्रवेश भी ले लिए, परन्तु तीन साल बाद भी व्यायाताओं के पद स्वीकृत नहीं किए गए है। इससे विद्यार्थी अपने स्तर पर अथवा सामान्य श्रेणी के शिक्षक से विषय विशेष का शिक्षण करने को मजबूर हैं।

अभिभावकों ने क्रमोन्नत स्कूलों में इस उमीद में अपने बच्चों को प्रवेश दिलाया कि थोड़े समय में सरकार योग्य व्यायाताओं की व्यवस्था कर देगी। लेकिन सरकारी उदासीनता देखिए कि एक-एक कर तीन साल निकल चुके है। व्यायाताओं की व्यवस्था तो दूर इन 3 हजार 838 स्कूलों में पद ही स्वीकृत नहीं किए है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम दो साल में वाहावाही लेने के लिए जमकर स्कूलों को क्रमोन्नत किया। चुनाव नजदीक आने के चलते इनमें शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार बने एक साल होने को है। परन्तु स्कूलों की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया गया है।

11 हजार व्यायाता के पद होंगे सृजित

नियमानुसार वर्ष 2021-22 में क्रमोन्नत स्कूलों में 11 हजार 514 व्यायाताओं के पद स्वीकृत किए जाने है। पढ़ाने वाले व्यायाता नहीं होने से इन स्कूलों में शिक्षण भी प्रभावित हो रहा है। प्रत्येक स्कूल में तीन-तीन विषय व्यायाता के पद सृजित करने जरूरी है। इनमें से आधे पदों को पदोन्नति से तो आधे पद सीधी भर्ती से भरे जाने है। जब सरकार पद ही स्वीकृत नहीं कर रही तो पदोन्नति और नई भर्ती का दबाव भी नहीं बन रहा।

डीपीसी भी हो रही प्रभावित

शिक्षा विभाग ने वर्ष 2021-22 व 2022-23 की डीपीसी के लिए लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेज दिए है। परन्तु 2021-22 में क्रमोन्नत स्कूलों के लिए 11 हजार 514 पद स्वीकृत नहीं करने से इनके आधे पदों पर डीपीसी संभव नहीं है। पद स्वीकृत नहीं करने से 5 हजार 757 विभिन्न विषयों के वरिष्ठ अध्यापक भी वर्ष 2021-22 की पदोन्नति से वंचित हो रहे है।

शिक्षा सचिव ने दिया था आश्वासन

प्रमुख शासन सचिव ने बीकानेर प्रवास के दौरान विभिन्न शिक्षक संगठनों ने यह मुद्दा उनके समक्ष रखा था।तब प्रमुख शासन सचिव ने वित्त विभाग से एक माह में इन स्कूलों के लिए पद स्वीकृत कराने का आश्वासन भी दिया। परन्तु अभी तक यह आश्वासन सिर्फ आश्वासन ही बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षा निदेशालय इन स्कूलों में व्यायाताओं के पद स्वीकृत करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज चुका है। पद स्वीकृति का यह प्रस्ताव वित्त विभाग में अटका हुआ है।

घट रहे नामांकन

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से कोरोना काल में 92 लाख पर पहुंचा छात्र संया का आंकड़ा लगातार गिर रहा है। विभाग बीते दो साल से हर साल प्रवेशोत्सव के दौरान 1 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित करता है। परन्तु लाख कोशिशों के बाद भी सरकारी स्कूलों का नामांकन बढ़ना तो दूरा उलटा घटकर 82 लाख पर आ चुका है।

बच्चों व युवाओं दोनों को नुकसान

पिछले तीन साल से वर्ष क्रमोन्नत उच्च माध्यमिक स्कूलों में व्यायाताओं के पद स्वीकृत नहीं किए गए है। इससे विद्यार्थियों को तो शिक्षण का नुकसान हो ही रहा है। साथ ही प्रदेश के युवाओं को रोजगार से भी वंचित होना पड़ रहा है।- बसंत कुमार ज्याणी, प्रदेश प्रवक्ता शिक्षक संघ रेस्टा

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