21 सितंबर 2025 के एशिया कप सुपर फोर में भारत-पाकिस्तान मैच विवादित बन गया। हारिस रऊफ और साहिबजादा फरहान की हरकतों पर बीसीसीआई ने ICC में शिकायत की। सूर्यकुमार यादव के बयान पर पाक बोर्ड ने पलटवार किया। शुक्रवार को दुबई में सुनवाई होगी। बैन या जुर्माना फाइनल तक असर डाल सकता है।
एशिया कप भारत-पाक मैच में रऊफ-फरहान विवाद, ICC की सुनवाई में घमासान
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान का क्रिकेट मैच सिर्फ खेल नहीं, बल्कि भावनाओं का तूफान होता है। 21 सितंबर 2025 को एशिया कप सुपर फोर में दोनों टीमें आमने-सामने थीं, लेकिन मैदान पर जो हुआ, वो क्रिकेट से ज्यादा जंग जैसा लगने लगा। पाकिस्तानी तेज गेंदबाज हारिस रऊफ ने भारतीय बल्लेबाजों को गालियां दीं, विमान गिराने का इशारा किया, तो साहिबजादा फरहान ने अर्धशतक के बाद बल्ले को बंदूक बनाकर 'गन सेलिब्रेशन' किया। इन हरकतों से भड़के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में शिकायत ठोक दी। दूसरी तरफ, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने भी भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के बयान को लेकर पलटवार किया। पीसीबी चेयरमैन मोहसिन नकवी ने सोशल मीडिया पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो का वीडियो शेयर कर विवाद को और हवा दी। अब शुक्रवार को आईसीसी की सुनवाई में रऊफ और फरहान को पेश होना है। क्या बैन लगेगा? या ये विवाद एशिया कप फाइनल तक खिंचेगा? आइए, इस मामले को आसान भाषा में गहराई से समझते हैं, जैसे अमर उजाला की शैली में, जहां हर बात साफ और दिल को छूती हो।
बात शुरू होती है 21 सितंबर के उस हाई-वोल्टेज मैच से। दुबई के मैदान पर भारत और पाकिस्तान की टीमें भिड़ीं। भारत ने 6 विकेट से जीत हासिल की, लेकिन सुर्खियां बनीं हारिस रऊफ और साहिबजादा फरहान की हरकतों ने। रऊफ, जो अपनी 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए मशहूर हैं, ने गुस्से में भारतीय ओपनर शुभमन गिल और अभिषेक शर्मा को गालियां दीं। ये दोनों युवा बल्लेबाज चुप नहीं रहे गिल ने 45 और शर्मा ने 52 रन ठोककर जवाब दिया। लेकिन रऊफ यहीं नहीं रुके। सूर्यकुमार यादव का विकेट लेने के बाद उन्होंने स्टंप्स के पास '6-0' का इशारा किया, जो भारत की छह हारों का तंज था। फिर बाउंड्री पर खड़े होकर उन्होंने विमान गिराने जैसा इशारा किया। ये इशारा सीधे ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ा गया, जिसमें भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। हाल ही के पहलगाम आतंकी हमले के बाद ये बेहद संवेदनशील था।
साहिबजादा फरहान ने भी विवाद में कोई कसर नहीं छोड़ी। 52 रनों की शानदार पारी के बाद उन्होंने बल्ले को मशीन गन की तरह लहराया और फायरिंग का जश्न मनाया। मैदान पर कुछ दर्शकों ने तालियां बजाईं, लेकिन सोशल मीडिया पर ये 'आतंकी सेलिब्रेशन' कहलाया। भारतीय फैंस ने इसे खेल की भावना के खिलाफ बताया। फरहान ने बाद में कहा, 'मुझे कोई पछतावा नहीं, ये मेरा स्टाइल है।' लेकिन बीसीसीआई को ये स्टाइल पसंद नहीं आया। बोर्ड ने बुधवार को आईसीसी को वीडियो सबूतों के साथ शिकायत भेजी। इसमें कहा गया कि रऊफ और फरहान ने आचार संहिता तोड़ी। आईसीसी ने इसे गंभीरता से लिया और एलीट पैनल रेफरी रिची रिचर्डसन को सुनवाई सौंपी। शुक्रवार को दुबई में दोनों खिलाड़ियों को पेश होना होगा। अगर वे अपनी हरकतों को सही नहीं ठहरा पाए, तो बैन या जुर्माना लग सकता है।
अब बात पीसीबी के पलटवार की। 14 सितंबर के ग्रुप स्टेज मैच में भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया था। सूर्यकुमार यादव ने जीत को ऑपरेशन सिंदूर में शामिल भारतीय सैनिकों और पहलगाम हमले के पीड़ितों को समर्पित किया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, 'कुछ चीजें खेल से बड़ी होती हैं। ये जीत हमारे सैनिकों के लिए।' ये बयान पाकिस्तान को चुभ गया। पीसीबी ने इसे राजनीतिक बताकर आईसीसी में शिकायत की। गुरुवार को सूर्यकुमार की सुनवाई हुई। रिची रिचर्डसन ने उन्हें भविष्य में सावधानी बरतने की सलाह दी। बीसीसीआई के सीईओ हेमंत बावचा और टीम मैनेजर सुमित उनके साथ थे। संभावना है कि सूर्य को सिर्फ चेतावनी मिले, क्योंकि उन्होंने आरोप नकारे। लेकिन अगर डिमेरिट पॉइंट मिला, तो अगले मैचों में दिक्कत हो सकती है।
इस पूरे ड्रामे में मोहसिन नकवी ने आग में घी डालने का काम किया। नकवी, जो पीसीबी चेयरमैन होने के साथ-साथ पाकिस्तान के गृह मंत्री भी हैं, भारत के खिलाफ तीखे बयानों के लिए जाने जाते हैं। बुधवार को उन्होंने एक्स पर क्रिस्टियानो रोनाल्डो का एक पुराना वीडियो शेयर किया, जिसमें रोनाल्डो फ्री-किक के बाद विमान गिराने जैसा इशारा करते दिखे। असल में वो गेंद के गोल में घुसने की बात कर रहे थे, लेकिन नकवी ने इसे रऊफ की हरकत से जोड़ा। कैप्शन में लिखा, 'देखो कैसे नीचे गिरा!' ये पोस्ट 10 हजार से ज्यादा बार देखी गई। भारतीय फैंस भड़क गए। एक्स पर #ShameOnNaqvi ट्रेंड करने लगा। एक यूजर ने लिखा, 'क्रिकेट खेलो, जंग मत छेड़ो।' दूसरे ने कहा, 'रोनाल्डो को क्यों घसीटा?' बीसीसीआई और आईसीसी की नजर अब नकवी पर है। अगर भारत फाइनल में पहुंचा, तो क्या नकवी मंच साझा करेंगे? ये सवाल सबके मन में है।
ये विवाद अचानक नहीं पनपा। 10 सितंबर को पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने माहौल को गर्म कर दिया। इस हमले में 12 लोग मारे गए, जिनमें सैनिकों के परिवार भी थे। भारत ने जवाब में ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें बालाकोट में एयर स्ट्राइक हुई। क्रिकेट इस तनाव से अछूता कैसे रहता? एशिया कप के ग्रुप स्टेज में भारतीय खिलाड़ियों ने पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया, जिस पर पीसीबी की शिकायत को आईसीसी ने खारिज कर दिया। सुपर फोर में भी यही हुआ। मैदान पर गिल और शाहीन अफरीदी के बीच तीखी बहस हुई, रऊफ और अभिषेक भिड़े, अंपायरों को बीच में आना पड़ा। नकवी के एसीसी चेयरमैन होने की वजह से वो इस विवाद के केंद्र में हैं।खिलाड़ियों की बात करें तो हारिस रऊफ का टेम्पर पहले भी चर्चा में रहा। 2022 टी20 वर्ल्ड कप में भी उन्होंने भारत के खिलाफ आक्रामकता दिखाई थी। साहिबजादा फरहान घरेलू क्रिकेट में धमाल मचाते हैं, लेकिन ये उनकी पहली बड़ी गलती है। सूर्यकुमार यादव, जिन्हें 'स्काई' कहते हैं, टी20 के बादशाह हैं। उनका बयान भावुक था, लेकिन पीसीबी को राजनीतिक लगा।
सोशल मीडिया पर बवाल मचा। एक पोस्ट में लिखा, 'रऊफ की हरकतें शर्मनाक हैं, बैन करो!' दूसरी तरफ, पाकिस्तानी फैंस ने सूर्यकुमार को 'राजनीतिक कप्तान' कहा। जागरण के स्पोर्ट्स एडिटर अभिषेक त्रिपाठी ने एक्स पर लिखा, 'बीसीसीआई ने मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट से सख्त कार्रवाई मांगी।' एक अन्य पोस्ट में कहा गया, 'सूर्य को चेतावनी मिल सकती है।' ये सब दिखाता है कि क्रिकेट अब सिर्फ मैदान तक नहीं, सोशल मीडिया तक फैल चुका है।फाइनल पर इस विवाद का क्या असर होगा? भारत सुपर फोर में मजबूत है, पाकिस्तान को जीत की जरूरत। अगर रऊफ और फरहान पर बैन लगा, तो पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ेंगी। आईसीसी को साफ फैसला लेना होगा, वरना क्रिकेट की साख दांव पर लगेगी। भारत-पाक मैच हमेशा से भावनात्मक रहे। 2007 टी20 वर्ल्ड कप में दोस्ती दिखी, लेकिन 2019 के बाद रिश्ते ठंडे पड़े। एशिया कप में हर बार तनाव उफान पर रहता है।क्रिकेट सिखाता है मैदान पर खेलो, बाहर तनाव छोड़ो। लेकिन जब तक सीमाएं गर्म, तब तक ये भिड़ंतें रुकेंगी नहीं। शुक्रवार की सुनवाई का इंतजार है। क्या रऊफ और फरहान बच पाएंगे? या सूर्यकुमार का बयान और भारी पड़ेगा? समय बताएगा, लेकिन फैंस को सिर्फ अच्छा क्रिकेट चाहिए।
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